रिपोर्टर_मनोज सिंह चंदेल
राजनांदगांव / छत्तीसगढ़ की सरकार ने मजदूरों को उनके गृहग्राम भेजने की कवायद तेज कर दी है। वहीं मजदूरों से भरे वाहन के दुर्घटना ग्रस्त होने की खबरें भी आम हो गई हैं। आये दिन मजदूरों से भरी बस पलटने का मामला सामने आ रहा है। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से आया है जहां मुम्बई से कोलकाता जा रहे श्रमिकों की बस पलट गई और उसमें सवार 26 लोगों में से 6 लोग घायल हो गए।
लॉकडाउन के दौरान ये लोग मुंबई में फंस गए और वापस अपने शहर कोलकाता आने के लिए संसाधनों का इंतजार करते रहे लेकिन उन्हें प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली तब उन्होंने हारकर जैसे-तैसे अपने गांव से रुपए मंगवाकर लगभग 1 लाख 66 हजार रुपये प्राइवेट बस किराये से की और मुम्बई से कोलकाता के लिए निकल पड़े। लगभग 1 हजार किमी का सफर तय करने के बाद राजनांदगांव से महज 5 किमी दूर पर बस अनियंत्रित होकर पलट गई। बस में सवार 26 श्रमिकों में से 6 को चोट लगी है, जिनमें फारूक मोकोल पिता पवन 24 वर्ष, मुनिदा खतून 20 वर्ष, कबीर पिता समर 18 वर्ष, मुकुंद कम्मुदिन 20 वर्ष, चंदन पिता ग्वाल 37 वर्ष, दीपंकर पिता गोपीनाथ 35 वर्ष, जिनका इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किया जा रहा है।
बाकी श्रमिकों को राजनांदगांव के रैन बसेरा में रखा गया है, जहां से उन्हें कोलकाता भेजा जाएगा। वहीं सरकार द्वारा श्रमिकों को सुविधा उपलब्ध कराने के बड़े-बड़े दावे खोखले साबित हुए एक श्रमिक ने अपनी आप बीती बताई ,श्रमिक दीपंकर किशोर ने बताया कि कोलकाता से काम की तलाश में मुंबई गए थे। लॉकडॉउन की वजह से पूरे पैसे खत्म हो गए और गांव जाने के लिए भी पैसे नहीं थे। इधर-उधर से और गांव से पैसे मंगा कर ₹1,66,000 रुपये में बस किराये से ली और मुंबई से कोलकाता के लिए निकल गए। श्रमिक ने बताया कि रास्ते में लगभग 9 बजे भोजन के लिए रूके थे।
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भोजन करने के बाद फिर बस पर बैठे। इसी बीच ड्राइवर को नींद की झपकी आ रही थी मैंने उसे दो-तीन बार कहा भी कि आराम कर लो लेकिन वह नहीं माना और गाड़ी चलाते रहा। मैं ड्राइवर के पास में ही मुंबई से लेकर यहां तक बैठा हुआ था। ड्राइवर को झपकी आई और गाड़ी अनियंत्रित होकर नाले में गिर गई, जिससे मैं और मेरे साथ बैठे 5 लोग घायल हो गए हैं। घायलों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। सभी श्रमिक खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं।