छत्तीसगढ़ में भू-पे बघेल और सौम्या चौरसिया के भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी का लैटर बम, भ्रष्टाचार की मूर्ति पर अवैध वसूली के अर्पण से गरमाई राजनीति, देखें पत्र में क्या लिखा है…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजनीति परवान पर है। कांग्रेस शासनकाल में अंजाम दिए गए घोटालों की जांच को लेकर राज्य और केंद्र की एजेंसियां कानूनी कार्रवाई में जुटीं है। इस बीच 22 सौ करोड़ के शराब घोटाले ने कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे के करीबी नौकरशाह अनिल टुटेजा जेल की हवा खा रहे हैं। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि अन्य अधिकारियों की तर्ज पर वे भी भ्रष्टाचार का ठीकरा बघेल पर ही फोड़ेंगे ? टुटेजा को 24 अप्रैल को ED की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। ED ने 14 दिनों की रिमांड मांगी है। टुटेजा की रिमांड पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की गले की फांस बन सकती है।

दरअसल लोकसभा चुनाव के जोर पकड़ते ही पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल के खासम-खास प्रमोटी IAS , ED के हत्थे चढ़ गए हैं। उनकी गिरफ्तारी से भू-पे बघेल और उनके नाते रिश्तेदारों के बीच खलबली मच गई है। बताते हैं कि मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद से बघेलखंड की संपत्ति ने आसमान छू लिया है। इसका काला चिट्ठा आराेपी अनिल टुटेजा को मुंह जुबानी याद है। यह भी बताया जा रहा है कि EOW और ED के समक्ष टुटेजा एंड कंपनी ने हकीकत बयां कर अपनी बेगुनाही को लेकर कई तथ्यों से अवगत कराया है। सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, कारोबारी होरा, अरुणपति त्रिपाठी, आशीष सिंह, पप्पू बंसल, भिलाई के भाटिया बंधुओ से व्यापारिक लेनदेन को लेकर आरोपी टुटेजा से विस्तृत पूछताछ की संभावना जताई जा रही है।

ED गलियारों से मिली जानकारी के मुताबिक करीब आधा दर्जन घोटालों में सीधे लेन-देन को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री भू-पे और उनकी उपसचिव सौम्या चौरसिया बड़ा सिंडीकेट संचालित कर रहे थे। इसमें आरोपी अनिल टुटेजा भी शामिल बताए जाते हैं। अदालत में केस डायरी पेश कर ED ने अनिल टुटेजा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। हालाकि आरोपी ने अपनी बेगुनाही के कई सबूतों पर एजेंसियों का ध्यान आकर्षित किया है। ED सूत्र बताते हैं कि आरोपी अनिल टुटेजा सरकारी गवाह बनने पर भी विचार कर रहे हैं। फिलहाल वे भू-पे बघेल के काले कारनामों पर रौशनी डालने में पीछे नही बताए जा रहे हैं , ED रिमांड में कई चौंकाने वाले खुलासे के आसार जाहिर किए जा रहे हैं। नए खुलासों से राजनीति के भी गरमाने के आसार हैं।

इधर भाजपा महामंत्री भरत वर्मा, राम जी भारती व सियाराम साहू ने भूपेश बघेल को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में भू-पे से पूछा गया है कि सौम्या चौरसिया पर अब तक वे मौन क्यो है ? घोटालों में लिप्त पाए जाने के बाद बार बार तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत रद्द हो रही है। इन नेताओं ने कहा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री की उपसचिव बगैर उनकी अनुमति के आखिर कैसे घोटाले को अंजाम दे सकती है ? ऐसे में कैसे संभव है कि आप इस भ्रष्टाचार में संलिप्त नही है। लैटर की यह इबारत गौरतलब है। बताते हैं कि यह पत्र कांग्रेस के लिए लैटर बम साबित हो रहा है। इसका जवाब ना तो पूर्व मुख्यमंत्री दे रहे हैं और ना ही कांग्रेस के कर्ता-धर्ता। उनकी चुप्पी ने बीजेपी को एक बड़ा मुद्दा भी दे दिया है। इस पत्र में जो लिखा गया है वह हम जस का तस प्रकाशित कर रहे हैं।

यह लिखा है पत्र में
बघेल को लिखे पत्र में कहा गया है की , मान्यवर महोदय, सादर अभिवादन , जैसा कि आपको विदित है, आपके शासनकाल में आपकी उप सचिव रही सौम्या चौरसिया पिछले 16 माह से गिरफ्तार है और माननीय न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका 16 अप्रैल, 2024 को एक बार फिर खारिज कर दी है। आपके मुख्यमंत्री रहते सौम्या चौरसिया आपकी उप सचिव थी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते गिरफ्तार की गई है, ऐसे में अब आपकी यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि जनता के इस मुद्दे को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दें। आपके मुख्यमंत्रित्व काल में आपकी उप सचिव सौम्या चौरसिया क्या आपके कहने पर वसूली करती थी ? यह कैसे माना जाए कि भ्रष्टाचार के इस गंभीर मामले में आपकी संलिप्तता नहीं है?

2 दिसंबर, 2022 को जब सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी हुई थी, तब आपने जोर-शोर से कहा था कि यह गिरफ्तारी गलत है, जबरन गिरफ्तारी की गई है और यह सरकार को बदनाम करने की साजिश है। अब जबकि पिछले 16 माह से सौम्या चौरसिया को जमानत तक नहीं मिल रही है, तब प्रदेश को आप बताएं कि भ्रष्टाचार के इतने गंभीर मामले की आपने पैरवी क्यों की ? अपनी उपसचिव सौम्या चौरसिया के मामले में आप अपना मौन तोड़ें। ये कुछ सवाल हैं, जिनके जवाब प्रदेश की जनता आपसे चाहती है। मुझे विश्वास है कि आप मेरे पत्र को अन्यथा नहीं लेकर प्रदेश की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए इन सवालों के जवाब देंगे।