दिल्ली: दिल्ली में आज बीजेपी के लिए खास दिन रहा। भारतीय जनता पार्टी के राजस्थान से सांसद ओम बिरला को आज ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया। बिरला, लगातार दूसरी बार इस उत्तरदायित्व को संभाल रहे हैं। आज गहमा – गहमी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुमोदन किया। इस प्रस्ताव को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन में मतदान के लिए रखा। इसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी है। इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष महताब ने बिरला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू बिरला को अध्यक्षीय आसन तक लेकर गए। जब बिरला ने अध्यक्षीय आसन ग्रहण किया तो पीएम मोदी, राहुल गांधी और रिजिजू ने उन्हें बधाई और शुभकामना दी। ऐसा पांचवीं बार ऐसा होगा कि कोई अध्यक्ष एक लोकसभा से अधिक कार्यकाल तक इस पद पर आसीन रहेगा। इसके अलावा एक तथ्य यह भी है कि कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ एकमात्र ऐसे पीठासीन अधिकारी रहे हैं, जिन्होंने सातवीं और आठवीं लोकसभा में दो कार्यकाल पूरे किए थे। हालांकि इन दोनों नेताओं के अलावा किसी ने भी इस आसन पर अभी तक दो कार्यकाल पूरे नहीं किए हैं।
डॉ. बलराम जाखड़ ने सातवीं लोकसभा के लिए अपने सर्वप्रथम निर्वाचन के तुरंत बाद अध्यक्ष पद हासिल किया। उन्हें लगातार दो बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। कांग्रेस से आने वाले जाखड़ का पहला कार्यकाल जनवरी 1980 से जनवरी 1985 तक और जनवरी 1985 से दिसंबर 1989 तक रहा। वर्षों की भारतीय संसदीय परंपरा से हटकर 11वीं लोकसभा ने विपक्ष के एक सदस्य पूर्णो अगितोक संगमा को सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित किया। उस वक्त भारत के 50 वर्षों के संसदीय इतिहास में वह ऐसे पहले सदस्य थे जिन्होंने विपक्ष में रहते हुए अध्यक्ष का पद संभाला।
उस वक्त कांग्रेस नेता संगमा का स्पीकर के रूप में पी.ए. संगमा का कार्यकाल मार्च 1996 से मार्च 1998 तक था। उप-प्रधानमंत्री स्वर्गीय बाबू जगजीवन राम की पुत्री मीरा कुमार 2009 से 2014 तक लोकसभा की 15वीं अध्यक्ष रहीं। इस पद पर आसीन होने वाली वे पहली महिला थीं। मीरा कुमार कांग्रेस की सदस्य हैं। भाजपा की सुमित्रा महाजन 16वीं लोकसभा की अध्यक्ष थीं। वे इस पद पर आसीन होने वाली भारत की दूसरी महिला हैं। राजस्थान के कोटा से भाजपा के सांसद ओम बिड़ला 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।