पटना/मुजफ्फरपुर. बिहार में ट्रकों की चोरी और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर पुलिस को चकमा देने का एक नया मामला सामने आया है. बिहार में अपराधी पुलिस से बचने के लिए एक से बढ़कर एक तरकीब की जुगाड़ में लगे रहते हैं. अपराधी पहले तो क्राइम करते हैं. वहीं उसके बाद अपराधी पुलिस से बचने के लिए अपना फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर पुलिस की गिरफ्त से दूर रहते हैं. हाल ही में जहानाबाद के इनामी अपराधी रंजन उर्फ पप्पू शर्मा ने पुलिस से बचने के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया था. हालांकि पुलिस ने उसे बीते 5 जून को पकड़ा तो मामले का खुलासा हुआ. वहीं पुलिस ने बिहार के मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार से 300 से अधिक ट्रक लीज पर लेकर गायब करने के आरोपी सत्येंद्र सिंह से जुड़े मामले में भी कई खुलासे किए हैं.
दरअसल मुजफ्फरपुर सदर थाने की पुलिस सत्येंद्र सिंह को छतीसगढ़ से रिमांड पर लेकर मुजफ्फरपुर पहुंची.उसके बाद मुजफ्फरपुर कोर्ट में कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे पूछताछ के लिए ले गई. आपको बता दें कि सत्येंद्र सिंह मूल रूप से सदर थाना क्षेत्र के भगवानपुर यादव नगर का रहने वाला है. 2022 में सदर थाने में ट्रक लीज पर लेकर गायब करने को लेकर 55 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. पुलिस ने जब इस मामले की छानबीन की तो मास्टरमाइंड सदर थाना के भगवानपुर निवासी सत्येंद्र सिंह निकला. सत्येंद्र से पूछताछ के बाद पुलिस टीम को इस केस में महत्वपूर्ण साक्ष्य हासिल हो सकते हैं.
सिटी एसपी अवधेश सरोज दीक्षित ने सत्येंद्र सिंह को रिमांड पर लेने की पुष्टि करते हुए बताया कि जिला पुलिस की टीम छत्तीसगढ़ से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर मुजफ्फरपुर आई है. इसके बाद आरोपी से पूछताछ की जाएगी. ट्रक गायब करने के मामले में दूसरे मुख्य आरोपी पटना के फुलवारी इस्ट लोहानीपुर पृथ्वीराज पथ निवासी नागेंद्र कुमार सिन्हा को पहले रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा चुकी है.
पुलिस ने सदर थाने में दर्ज दो दर्जन से अधिक ट्रक गायब करने के मामले में नागेंद्र के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर चुको है. पुलिस की छानबीन में यह बात सामने आयी थी कि दोनों शातिर ने बिहार के अलावा यूपी, झारखंड और छत्तीसगढ़ के 300 से अधिक लोगों का ट्रक लीज पर लेकर गायब कर इंजन और चेचिस नंबर टेम्परिंग करके बेच दिया था.