छत्तीसगढ़ पीएससी में पांचवा स्थान अर्जित करने वाली सृष्टि देवांगन ने पढाई के लिए कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी , 24×7 के फार्मूले से 917.55 अंक हासिल किए , बधाई देने वालों का घर में लगा तांता

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रिपोर्टर – रघुनंदन पंडा /

भिलाई / छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा में इस्पात नगरी भिलाई सेक्टर-8 निवासी सृष्टि देवांगन ने सूची में पांचवे स्थान पर अपनी जगह बनाई है। सृष्टि ने पीएससी की मुख्य परीक्षा दूसरे झटके में ही पास कर ली | सृष्टि के पिता भिलाई इस्पात सयंत्र में कार्यरत हैं , माता गृहणी है। जबकि उसके दो भाई अभी भी पढ़ाई कर रहे है।  सृष्टि का पीएससी में चयन होने से पूरा परिवार और दोस्तो में खुशी की लहर है | उनके घर में बधाई देने  वालों का तांता लगा हुआ है |  

न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए सृष्टि का कहना है कि अगर उसे डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट मिलती है तो वे जरूर स्वीकार करेंगी | हालांकि एकाउंट ऑफिसर के पद को भी वो प्राथमिकता देंगी | भिलाई नगर सेक्टर-8 निवासी सृष्टि देवांगन ने बताया कि वो  रोजाना लगातार 6-7 घंटे पढ़ाई करती थी | उन्होंने तीन घंटे ग्रुप स्टडी की और 4 घंटे सेल्फ स्टडी में समय दिया। यही नहीं पढ़े-लिखे सभी फार्मूले 24×7 उसके दिमाग पर छाए रहते | साथ ही परीक्षा और पढ़ाई का तनाव भी रहता |  सृष्टि ने बताया कि तनाव दूर करने के लिए वो अखबार भी पढ़ा करती थी। इसके अलावा छत्तीसगढ़ी गीत संगीत सुना करती थी।

इसका उसकी सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ा और उसे इससे दो तरह के फायदे हुए। पहला अख़बारों से सामान्य ज्ञान के साथ लेटेस्ट घटनाओं का अपडेट मिलते रहा। जबकि गीत संगीत से छत्तीसगढ़ी भाषा को और भी करीब से जानने-समझने का मौका मिला।  उन्होंने बताया कि पिछली दफे भी वो पीएससी में शामिल हुई थी, लेकिन उसमें उनका रैंक 366 रहा। साक्षात्कार तक पहुंची लेकिन उनका चयन नहीं हुआ। हालांकि इससे वो निराश नही हुई । अपनी इस कामयाबी का श्रेय उन्होंने अपनी मम्मी और पापा को दिया है | 

 सृष्टि  के पिता दीनदयाल देवांगन भिलाई स्पात संयंत्र में कार्यरत हैं। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने सभी बच्चों को एजुकेशन लोन लेकर पढ़ाया है। वे बच्चों की हर ख्वाहिश को पूरा करते है। उनके मुताबिक उनकी बेटी सृष्टि का चयन जब लोको पायलट के लिए हुआ तब उसने उसे  दरकिनार कर  पीएससी की तैयारी शुरू कर की | वो बताते है कि साल 2016 के बाद लगातार वो पीएससी की तैयारी करती रही , और सेकंड अटेम्प्ट में उसने इसे क्रैक कर लिया | सृष्टि के पिता कहते हैं,  कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के उद्देश्य को उन्होंने अपने जीवन में उतारा है, और उन्हें गर्व है कि उनकी  बेटी आज पूरे समाज, परिवार और भिलाई का नाम रोशन कर रही है।