फोटो छाप कारोबारियों से सावधान , बखूबी बेच डाला नेताओ पार्टी और सरकार को ,सूर्यकान्त तिवारी और गुरुचरण सिंह होरा तो निकले संपूर्णानंद उर्फ़ काले अनेजा के बाप ,आँखों में धूल झोंक-कर ऐसे करते है दुकानदारी

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रायपुर : हमें तो अपनों ने लुटा गैरो में कहाँ दम था ,मेरी कश्ती डूबी जहाँ , वहां आयकर के साथ ईडी का अमला था | इस जुमले की तर्ज पर इनकम टैक्स और ईडी के चंगुल में फंसे कारोबारी सूर्यकान्त तिवारी और गुरुचरण सिंह होरा के काले कारनामे रायपुर से लेकर दिल्ली तक चर्चा में है | दरअसल ,इन दोनों की मोड्स ऑपेरैंटी एक जैसी है | इंसान हो या नेता ,पार्टी और सरकार ,पलक झपकते ही उन्हें टोपी पहनाने के मामले में दोनों का कोई सानी नहीं है | ये दोनों ही ,खड़े -खड़े किसी को भी गाजर -मूली की तरह बेचने की क्षमता रखते है | इनके करीबी इसकी तस्दीक भी करते है | जानकार बताते है कि कोरोना काल के बाद से दोनों ही कारोबारियों ने अफसरों और नेताओ समेत कांग्रेस पार्टी व सरकार को बेच डाला |

होरा ने जहाँ केबल कारोबार ,लोगो की जमीन जायदाद में अवैध कब्ज़ा ,शराब बिक्री समेत दर्जनों धंधो का उपक्रम खोल रखा था वहीँ सूर्यकांत तिवारी भी उससे पीछे नहीं रहा | उसने इतना लम्बा हाथ मारा कि छत्तीसगढ़ में कोयले की दलाली ,परिवहन के ठेके और “गब्बर सिंह टैक्स” जैसे अवैध उगाही के कारोबार में उसका सिक्का चल पड़ा | सूत्र बताते है कि अपने फन में माहिर दोनों ही अदाकारों ने “सरकार” को खुश रखने के लिए बेजा कमाई के नए -नए नुस्खे ना केवल ईजाद किये बल्कि अपने आकाओ की झोलिया भी नोटों से भर दी |अब भले ही सरकार की मुसीबत दोनों ही अदाकारों ने बढ़ा दी हो लेकिन अब सरकार के कर्णधारो के लिए इनका योगदान गले की फ़ांस बनता नजर आ रहा है| 

इनके आपरधिक तौर -तरीको पर नजर रखने वालो के मुताबिक सूर्यकान्त तिवारी और गुरुचरण सिंह होरा दोनों की सोच और कामकाज के तरीको में काफी समानता है |उनके मुताबिक ये दोनों किसी भी कार्य को अंजाम तक पहुंचाने के लिए तमाम हदे पार कर सकते है | इस मामले में होरा की बानगी की तस्दीक उसकी वायरल हो रही ऑडियो क्लिप करती है | इसमें वो दावा कर रहा है कि उसके सैकड़ो कारोबार है |

यही नहीं अभी तो वो पुलिस से खेल रहा है ,पुलिस के बाद वो गुंडों से खेलेगा | होरा के इरादे साफ़ नजर आ रहे है ,ऑडियो क्लिप से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसकी राह में रोड़ा बन रहे लोगो को सरकारी सरंक्षण में आखिर कैसे ठिकाने लगाया जाता है | इसका उदहारण पेश करते हुए होरा खुद दावा करता है ,कि विधानसभा से कैसे उसने फोन लगवा कर 11 केबल कारोबारियों के खिलाफ FIR दर्ज़ करवाई थी |

सूत्रों द्वारा बताया जाता है कि होरा के लगातार वायरल हो रहे ऑडियो मुख्यमंत्री बघेल और उनकी सरकार पर बट्टा लगाने के लिए काफी है | बिन बुलाई आफत से बचने के लिए अब वो अफसर भी पल्ला झाड़ने लगे है,जो होरा को सम्मान के साथ अपनी गोद में बैठाया करते थे | 

उधर सूर्यकांत तिवारी का भी यही हाल है | सरकार की बाहें पकड़कर उसने भी नेताओ को बेचने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी |  बीजेपी शासन काल में मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत उनके कई मंत्रियो और नेताओ के दरबार में दोनों ने ही जमकर फोटो खिचवाई थी| फिर पार्टी और सरकार में अपनी धौंस साबित करने के लिए उन तस्वीरों को सोशल मीडिया में वायरल कर आम लोगो में रंग जमाया | सूत्र बताते है कि इसके बाद शिकार को ढूंढ कर उसे अपने शिंकजे में कसना आम हो गया| बीजेपी के दौर में ऐसा कोई नेता बाकी नहीं रहा ,जो तस्वीरों में इन फोटो छाप कारोबारियों के संग नजर नहीं आया हो | जानकार बताते है कि दोनों ही दूरदर्शी व्यक्त्त्वि के धनी है |

भले ही तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह को प्रदेश में बीजेपी की डूबती नैया का भान ना रहा हो लेकिन उनके साथ फोटो खिंचवाकर वायरल करने में अग्रणी रहे ,दोनों ही हमजोली को आभास हो गया था कि अब उगता सूरज कांग्रेस का है | लिहाजा दोनों ने ही फौरन बीजेपी की नाव से कूदकर कांग्रेस के स्टीमर में अपनी जगह बना ली | यहाँ भी उनका वही खेल शुरू हो गया |जैसा की बीजेपी शासन काल में चल रहा था | मुख्यमंत्री बघेल समेत कई मंत्रियो के दरबार में दोनों की नियमित हाजरी शुरू हो गई |

नए नेताओ के साथ फिर वही तस्वीरें और उन्हें सोशल मीडिया में वायरल कर ग्राहकों की तलाश |इस मूल मंत्र के साथ दोनों ने सरकार और उसके नेताओ को उगाही का ऐसा घूंट पिलाया कि इनकम टैक्स और ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के दायरे में सरकार और उसका कुनबा समा गया | बताते है कि सूर्यकांत तिवारी और उसके गिरोह की जड़ें छत्तीसगढ़ से लेकर दुबई और सिंगापूर तक फैली हुई है | सूत्र बताते है कि केंद्रीय एजेंसिया जल्द ही एक बड़े खुलासे की ओर कदम बढ़ा रही है | 

सूर्यकान्त और होरा की तर्ज पर अब संपूर्णानंद उर्फ काले अनेजा नाम के व्यक्ति की भी दास्तान से रूबरू हो जाइए | दिल्ली में रहने वाले इस शख्श को लोग पूर्व सेनाध्यक्ष और मोदी सरकार में मौजूदा केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का पुत्र समझते थे | काले अनेजा की फोटो छाप टेक्निक से वीके सिंह जरा भी अनभिज्ञ नहीं थे | उधर वीके सिंह और उनकी पत्नी समेत स्टाफ के लोगों के साथ काले अनेजा ने कई मौकों पर फोटो खिंचवाई | फिर उसे सोशल मीडिया में वायरल करते रहा |

इन तस्वीरों को देखकर लोग काले अनेजा के झांसे में आते रहे | दिलचस्प बात यह है कि लोगो के बीच काले अनेजा खुद को वीके सिंह का पुत्र बताते रहा|सोशल मीडिया में ऐसी कई तस्वीरों को देखकर लोग भी यकीन करने लगे कि मंत्री वीके सिंह काले अनेजा के पिता है | फिर क्या था उसकी दूकान चल पड़ी | होरा और सूर्यकान्त की तर्ज़ पर काले अनेजा की भी सम्पतियो के साथ गाड़ियां भी लम्बी -चौड़ी होती चली गई | गाजियाबाद में काले अनेजा का सिक्का चल पड़ा | उसने कई लोगो के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दिया |

फिर जिस तरह से सूर्यकांत और होरा का भांडा फूटा ,ठीक उसी घडी और तर्ज़ पर काले अनेजा की हकीकत उजागर होने में देर नहीं लगी | पुलिस ने उसके खिलाफ ठगी का मामला दर्ज़ कर गिरफ्तार कर लिया | उसके पास से 32 बोर की लाइसेंसी रिवाल्वर और 12 कारतूस बरामद किए गए हैं | उससे एक होंडा सिटी कार भी बरामद की गई है |

जिस पर उसने बीजेपी का स्टीकर लगाया हुआ था | मंत्री जी के परिवार वालो के साथ पहचान गढ़ने में माहिर इस शख्स की असलियत सामने आने के बाद मंत्री वीके सिंह ने काले अनेजा की गिरफ़्तारी मामले में पुलिस की मदद की | बताते चले की काले अनेजा ,सूर्यकान्त और होरा को अपना आदर्श मानता है | 

वही दूसरी ओर सूर्यकान्त और होरा के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार का सरंक्षण आज भी चर्चा में है | सूर्यकान्त तिवारी ने सरकार की गोद में बैठे अपने “जज” जीजा रामकुमार तिवारी के सहयोग से रायपुर की जिला अदालत में लंबित कुछ प्रकरणों को एकतरफा अपने पक्ष में करवा लिया | फिर पीड़ितों से मोटी रकम ऐंठी | देखते ही देखते जीजा -साले कोर्ट कचहरी के मामलो में भी हस्तक्षेप करने लगे | सूर्यकांत तिवारी और उसके नाते रिश्तेदारों (जज रामकुमार तिवारी को छोड़कर )के ठिकानो से आयकर छापेमारी में करोड़ो की नगदी और ब्लैक मनी के निवेश के अलावा कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए है |

इसकी भी जांच ईडी को सौंपे जाने की खबर है | उधर छत्तीसगढ़ सरकार में “विधि सचिव”के पद पर तैनात रामकुमार तिवारी ने अपने साले सूर्यकांत तिवारी को बचाने के लिए अपने पद और कर्तव्यों कर्तव्यों की बलि चढ़ा दी | बताया जाता है कि सरकारी स्रोतों और योजनाओ की आड़ में कोयले,परिवहन और कई सरकारी विभागों में ठेके के जरिये सरकारी तिजोरी में की गई चोट के प्रकरणों में रामकुमार तिवारी ने अब तक पर्दा डाले रखा है |

सूत्र बताते है कि विधि विभाग में तैनात सरकार के इस सलाहकार ने तीन माह बाद भी अपने साले के खिलाफ सरकारी संसाधनों के दुरूपयोग और शासन को हुई क्षति को लेकर अपराध दर्ज़ किये जाने की कोई सिफारिश पुलिस या शासन को अब तक नहींं भेजी है,जबकि अधीनस्थ स्टाफ कई बार यह मामला उनके संज्ञान में ला चूका है |उधर विधि विभाग से कोई निर्देश नहीं मिलने के चलते सूर्यकांत के मामलो में सरकारी अधिकारियो ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए है |गौरतलब है कि जज रामकुमार तिवारी की शिकायते सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में भी की गई है | पीड़ितों ने माननीय कोर्ट से इन शिकायतों पर जल्द संज्ञान लेने की अपील की है | 

यही हाल गुरुचरण होरा के खिलाफ लंबित मामलो का भी है | सरकारी अफसरों के साथ उसके अंतरंग संबंधो के चलते पीड़ितों की सुनवाई नहीं हो रही है | केबल वार को लेकर पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में उसके खिलाफ हुई कई शिकायते थानों से नदारद बताई जाती है | मौजूदा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी वही हाल होने से सरकार की मंशा पर उंगलियां उठ रही है| पीड़ित लोग कभी थाने तो कभी नेताओ के दरबार में इन्साफ की गुहार लगा रहे है | लेकिन उनकी कही सुनवाई नहीं हो रही है | हाल ही में कई केबल ऑपरेटरो ने मुख्यमंत्री बघेल के समक्ष भी अपनी शिकायते दर्ज कराई थी |हालाँकि उन्हें वैधानिक कार्यवाही का आश्वासन दिए जाने की खबर है |

जानकारी के मुताबिक रायपुर समेत आस-पास के इलाको में होरा और उसके लठैतो ने कई लोगो की जमीनों पर अवैध कब्ज़ा कर लिया है | इसमें रायपुर के पुरानी बस्ती इलाके में रहने वाली स्वर्गीय चमारहिन् बाई सोनकर का मामला सुर्खियों में है |बताया जाता है कि सब्जी बेचने वाली इस गरीब महिला की मौत 1980 में हो गई थी | लेकिन होरा ने किसी अन्य जिन्दा महिला को रजिस्ट्री कोर्ट में खड़ा कर वर्ष 1999 में उसकी जमीन की रजिस्ट्री अपने रिश्तेदारों और अनिल टुटेजा के पक्ष में करा लिया था | मामले की शिकायत के बाद वर्ष 2005 -2006 में सिविल कोर्ट ने ये सभी 8 रजिस्ट्रियां रद्द कर दी थी|

हाल ही में कांग्रेसी नेताओ का हवाला देते हुए होरा ने उस मृतक महिला की जमीन पर पुनः कब्ज़ा कर लिया है| इस जमीन पर कब्ज़ा करने वालो में उसके साथ नान घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा का सगा साला मनीष बुधिया समेत होरा के 5 भांजे शामिल बताए जाते है | इन सभी के नाम पर ही फर्जी तौर पर रजिस्ट्रियां कराइ गई थी |

एक अन्य देवेंद्र सिंह खालसा हत्याकांड में विवेचना के दौरान होरा को उपकृत किये जाने के मामले की जांच भी सालो से लंबित है |फिलहाल होरा का वायरल ऑडियो तस्दीक करता है कि अपराध और राजनीति का गठजोड़ किस तरह से प्रदेश की जनता पर भारी पड़ रहा है | लोगो को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री बघेल ऐसे तत्वों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही को हरी झंडी देंगे| 

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