रायपुर में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए चाक-चौकस बदोबस्त , मॉल, चौपाटी और फास्ट फूड वाले अस्थायी ठेले पर पाबंदी , जनता भी सहयोग के लिए सामने आई , एम्स में भर्ती पीड़ित युवती का इलाज जारी

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रायपुर / रायपुर में राज्य के पहले कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद सतर्कता और सुरक्षा बढ़ा दी गई है | पहली बार शहर के तमाम इलाकों के भीड़ इक्कठा होने वाले स्थानों को चिन्हित कर लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है | प्रदेश का पहला संक्रमण राजधानी रायपुर में 19 मार्च को सामने आया था | प्रशासन ने फौरन सख्त कदम उठाते हुए शहर को संक्रमण मुक्त बनाने के लिए अभियान छेड़ दिया है | लोगों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक घर से बाहर ना निकले , भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाने से बचे | यही नहीं जरुरी होने पर ही घर से बाहर निकले | इसके पीछे मकसद यह है कि लोग किसी भी तरह के संक्रमण से मुक्त और स्वास्थ्य रहे | प्रशासन की मुहीम के साथ स्थानीय लोग भी सहयोग कर रहे है | पाबंदी के दौरान सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है | लोगों ने भी शासन प्रशासन को भरपूर सहयोग देने का संकल्प लिया है | 

उधर एम्स में कोरोना संक्रमित युवती का इलाज जारी है बताया जाता है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 18 मार्च की रात 12:30 बजे से लेकर 19 मार्च की रात 10 बजे तक की स्थिति में इस युवती के शरीर में किसी भी प्रकार के बीमारी का लक्षण न देख एम्स में चिकित्सको को भी हैरानी हो रही थी | लेकिन इसी के साथ चिकित्सको ने यह शंका भी जता दी कि आने वाले चार दिन युवती के साथ ही उनके संक्रमण में आने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण होंगे, क्योकि इस बीमारी का वायरस सर्दी -खांसी व बुखार का हल्का लक्षण आने के बावजूद फौरी सैम्पल में दिखाई नहीं देता, इसलिए आइसोलेटेड लोगो को भी 23 मार्च तक विशेष निगरानी में स्वास्थ्य जाँच के साथ रखना होगा | 

एम्स के डिप्टी डायरेक्टर, प्रशासनिक नीरेश शर्मा ने एम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती युवती पर कहा कि उसे अभी बुखार नहीं आया | हल्की खांसी जरूर हो रही, लेकिन इसे कोरोना वायरस नहीं कहा जा सकता | इस वायरस की पुष्टि के लिए एम्स ने एक नहीं लगभग तीन -तीन सैम्पल लिए और सबमें पॉजिटिव आने के बाद युवती को भर्ती किया गया | चूंकि अभी उनकी उम्र कम है, इसलिए वायरस का प्रभाव युवती के शरीर में फ़िलहाल नहीं के बराबर आ रहा | इसके बावजूद एम्स प्रबंधन लगातार उनकी निगरानी कर रहा है | धड़कन और श्वांस प्रक्रिया पर डाक्टरों की नजर – 

चूंकि युवती के शरीर का तापमान नहीं बढ़ रहा इसलिए एम्स के चिकित्सक उनके दिल की धड़कन पर लगातार नजर लगाये रखे है | इसी के साथ वह सामान्य तरिके से श्वांस ले रही या नहीं, गले में खिचखिच बार बार खराश या कफ तो नहीं आ रहा यह भी देखा जा रहा | फ़िलहाल पीड़ित युवती की हालत स्थिर बताई जा रही है |

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