पूर्व सीएम भू-पे बघेल की निलंबित उपसचिव और कोल लेवी एवम शराब घोटाले में लिप्त आरोपी सौम्या चौरसिया की जमानत रद्द, एक्शन में EOW…

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में करीब 600 करोड़ के कोल खनन परिवहन घोटाले में आरोपी सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका रायपुर की विशेष अदालत में खारिज कर दी गई है। मंगलवार को आरोपी की दूसरी जमानत याचिका पर रायपुर की स्पेशल ED कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। जानकारी के मुताबिक सौम्या की जमानत खारिज कर दी गई है।

पूर्व सीएम भू-पे की करीबी निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया 16 महीनों से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। उनके खिलाफ 22 सौ करोड़ के शराब घोटाले में भी एक अन्य F.I.R. EOW में दर्ज की गई है। सूत्रों के मुताबिक दर्ज हुए नए मामलों को लेकर भी सौम्या चौरसिया और उसकी टोली के खिलाफ EOW वैधानिक कार्यवाही में जुटा है।

राज्य प्रशासनिक सेवा कैडर की डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया को तत्कालीन भू-पे सरकार में “सुपर सीएम” का दर्जा प्राप्त था।मुख्यमंत्री के अधिकारों का उपयोग-दुरूपयोग करने के मामले में आरोपी अपनी सेवा काल में कभी पीछे नही रही। उनका फरमान भू-पे के लिए पत्थर की लकीर साबित होता था।

ED और EOW की तफ्तीश में आरोपी सौम्या के खिलाफ कई पुख्ता सबूत सामने आए हैं। इसका हवाला एजेंसियों ने चार्जशीट जारी कर अदालत को भी सौंपा है। राजनैतिक संरक्षण में आरोपी सौम्या चौरसिया ने कई अपराधों और घोटालों को अंजाम देकर तत्कालीन मुख्यमंत्री भू-पे को भी मुश्किल में डाल दिया है। बताते हैं कि भू-पे पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

जानकारी के मुताबिक 2 दिसंबर 2022 को आरोपी सौम्या चौरसिया को ED ने अपनी गिरफ्त में लिया था। उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल कराया गया है। हाल ही में 12 अप्रैल को आराेपी की सेकंड बेल एप्लीकेशन पर सुनवाई हुई थी। इसके बाद ED की विशेष कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।

अदालत में आरोपी सौम्या चौरसिया की ओर से अधिवक्ता कैलाश भादुड़ी ने पैरवी की थी। जबकि ED की ओर से विशेष लोक अभियोजक सौरभ पांडेय ने शासन का पक्ष रखा था। आरोपी की ओर से दो जुड़वा बच्चों की परवरिश का हवाला देते हुए जमानत की मांग की गई थी।

गौरतलब है कि इन्हीं जुड़वा बच्चों को लेकर भी विवाद की स्थिति बनी हुई है। आरोपी के कब्जे में मौजूद जुड़वा बच्चों के DNA टैस्ट का मामला भी अदालती गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में बच्चों के मालिकाना हक का मामला भू-पे और सौम्या के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है।