रायपुर: छत्तीसगढ़ में IT-ED की छापेमारी की पड़ताल के बीच राज्य की बघेल सरकार का एक आर्डर,भ्रष्टाचार की खिलाफत करने वालो को मुँह चिढ़ा रहा है। सरकारी फरमान में उस IPS अधिकारी को एंटी करप्शन ब्यूरो में DIG की कमान सौंपी गई है,जिसका नाम राज्य के सबसे बड़े कोल खनन परिवहन घोटाले में 25 टन अवैध लेव्ही वसूले जाने की चार्जशीट में शामिल हैं।
बताया जाता है कि ED ने अपनी चार्जशीट में बतौर सिंडिकेट के सदस्य के रूप में इस DIG की अवैध वसूली का काला चिट्ठा अदालत के संज्ञान में लाया है।
बताया जाता है कि ACB में DIG के पद पर 2008 बैच की IPS पारुल माथुर की नियुक्ति से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सुर्ख़ियों में है। राज्य की जनता ही नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ बुलंद कर रहे कई लोग भी मुख्यमंत्री बघेल के फैसले को हैरत भरी निगाहो से देख रहे है।
पारुल माथुर का स्थानांतरण पुलिस अधीक्षक बिलासपुर से उप पुलिस महानिरीक्षक ACB रायपुर किया गया है। इसके पूर्व ED ने 27.11.2022 को समन जारी कर दिनांक 30.11.2022 को उनके बयान दर्ज किए थे। इसके उपरांत सुपर सीएम सौम्या चौरसिया के खिलाफ पेश ED की चार्जशीट में पारुल माथुर समेत अन्य 2 IPS अधिकारियों का नाम शामिल है। इनमे से एक 2008 बैच के प्रशांत अग्रवाल SSP रायपुर के पद पर तैनात है।
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर IPS अधिकारियों के तबादले चर्चा में है। बताते है कि विधान सभा चुनाव के मद्देनजर कई अफसरों को नई जिम्मेदारी सौंपने का काम जोरो पर है। इसी कड़ी में गृह विभाग का यह आदेश चर्चा में है। हालांकि आदेश की तिथि बताती है की इसे 27.01.2023 को उसे जारी किया गया था।
जबकि भ्रष्टाचार की आरोपी सौम्या चौरसिया के खिलाफ ED ने 30 जनवरी 2023 को रायपुर की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।