छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार से नाराज़ आदिवासियो ने राज्य स्थापना दिवस और राष्ट्रीय ट्राइबल डांस फेस्टिवल का किया बहिष्कार,वजह भी गिनाई,देंखे पत्र

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रायपुर :छत्तीसगढ़ सरकार की आदिवासियों को खुश करने की कवायत पर पानी फिरता नजर आ रहा है|आदिवासियों की सबसे बड़ी संस्था ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव का बहिष्कार किया है|रायपुर में आदिवासी महोत्सव में देश विदेश के 1500 से अधिक कलाकार शामिल होंगे|ये सभी कलाकार विभिन्न क्षेत्रों के आदिवासी संस्कृति पर आधारित नृत्य पेश करेंगे| राज्य सरकार इसके प्रचार-प्रसार में जोर-शोर से जुटी हुई है|इस बीच आदिवासियों के ही कार्यक्रम के बहिष्कार के एलान से राजनीति गरमा गई है| 

छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण को लेकर कई आदिवासी नेता राज्य सरकार के रवैये से नाराज़ बताए जाते है|आरक्षण का मुद्दा नए विवाद के रुप में दिनों दिन गहराता जा रहा है|इसके चलते आदिवासी समाज ने राज्य सरकार के इस आयोजन का बहिष्कार किया है|दरअसल, एक नवंबर को राज्य स्थापना दिवस और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन होने वाला है|लेकिन इसके बहिष्कार के एलान से सरकार हैरत में है|

उल्टा आदिवासी समुदाय 1 से 3 नवंबर तक जिला स्तर में अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन करेगा|उधर दोनों आयोजन को धूमधाम से मनाने के लिए राज्य सरकार जोर-शोर से जुटी है|इसके लिए रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है|उधर छत्तीसगढ़ के कई आदिवासी कलाकार भी सर्व आदिवास समाज के बहिष्कार के समर्थन में आ गए है|वे तीनो दिन विरोध स्वरुप विधायक, सांसद, मंत्री के निवास के सामने नगाड़ा बजायेंगे|

इस मामले में सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बी.एस. रावटे ने बताया कि 25 सितंबर और 8 अक्टूबर को मीटिंग में यह निर्णय लिया गया था|फैसले के तहत आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्य अलंकरण समारोह का विरोध जिला स्तर पर किया जायेगा|उन्होंने बघेल सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि,32 प्रतिशत आरक्षण को लेकर राज्य सरकार ने अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है|उनके मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार इस मामले में बहुत पीछे चल रही है|लिहाजा आदिवासी समाज के लोग राज्य उत्सव समारोह का बहिष्कार करेंगे| देंखे बहिष्कार पत्र….