सुनील नामदेव : दिल्ली / रायपुर : नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता आज पीएम मोदी ने की लेकिन बैठक में जनहित के मुद्दों से सीएम का विवाद भी चर्चा में आ गया है। इस बैठक से सीएम नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान , तमिलानाडु के सीएम एमके स्टालिन और केसीआर नदारद रहे। यही हाल कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का रहा। सभी ने मिल जुलकर इस बैठक के बहिष्कार का ऐलान किया था।
देश की संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार के बीच विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने सरकार का विरोध करने के लिए नीति आयोग की बैठक का भी किया है। आज 27 मई को इस बैठक का एजेंडा काफी महत्वपूर्ण था। इसमें हजारों करोड़ की लोक हितैषी योजनाओं को मंजूरी देने के लिए तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री अपने प्रदेश के हाल चाल से देश को अवगत कराते।
उन्हें जनता की बात खुले मंच पर पीएम को सुनने-सुनाने का मौका मिलता। लेकिन राजनैतिक हितों को सर्वोपरी मानकर कई नेताओं ने बैठक से दूरियां बना ली। नतीजतन उन राज्यों की जनता के मुद्दे इस बैठक में जोर-शोर से नहीं उठ पाए, जो नदारद रहे।
हालांकि ज्यादातर राज्यों ने अपना प्रतिनिधित्व किया। नीति आयोग की मीटिंग का बहिष्कार का ऐलान करने वालों के मुताबिक, एक अध्यादेश जो केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के खिलाफ लेकर आई थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार दिया था लेकिन केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को पलट दिया। आप पार्टी के कई नेता यही राग अलाप रहे थे।
नीति आयोग की आज की बैठक का एजेंडा है, 2047 में टीम इंडिया की भूमिका से जुड़ा था। प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के अध्यक्ष के रूप में राज्यों के सीएम और केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर से आठ प्रमुख विषयों पर उनकी राय जानी।
विज्ञान भवन में आयोजित बैठक में एमएसएमई, बुनियादी ढांचे और निवेश, अनुपालन को कम करने, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे को सुधारने का एजेंडा तैयार किया था। अधिकारियों के मुताबिक यह बैठक विकसित भारत पर राज्यों की भूमिका पर केंद्रित थी।
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी और उनके राज्यों के सीएम इस मीटिंग में नदारद रहे। वहीं बीजेपी और उनके सभी सहयोगी और समान विचार धारा वाली पार्टियों के इस मीटिंग में भाग लेकर अपने इरादे साफ कर दिए है। इस बैठक को सत्ताधारी दल अपनी एकता और एकजुटता से देख रहा है। उसे उम्मीद है कि आम आदमी की बात करने वाली तमाम पार्टी, देश में उनके हितों से जुडी बैठकों के बहिष्कार की राह से लौटेंगे। हालांकि नीति आयोग की बैठक लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।