Akshaya Tritiya 2023: 22 अप्रैल को मनाई जाएगी अक्षय तृतीया, जानें शुभ घड़ी में कौन से कार्य रहेंगे फलदायी

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करौली : मां गंगा और भगवान परशुराम के अवतरण का दिन और शुभारंभ की बेला अक्षय तृतीया इस वर्ष 22 अप्रैल को मनाई जाएगी. इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है. हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को आखा तीज मनाई जाती है. हिंदू धर्म के अनुसार मान्यता है कि इस दिन किया गया दान पुण्य कभी नष्ट नहीं होता है. इस दिन सर्व सिद्ध मुहूर्त होने के कारण कोई भी शुभ कार्य बिना पंचांग देखे किए जा सकते हैं. इस शुभ घड़ी में किया गया दान, पुण्य, जप, तप हमेशा अक्षय रहता है. संपूर्ण भारतवर्ष में अक्षय तृतीया को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किसी न किसी रूप या नाम से मनाया जाता है.

राजस्थान के करौली के राज्याचार्य पंडित प्रकाश जती के मुताबिक अक्षय तृतीया का महत्व हिंदू धर्म में ही नहीं, बल्कि जैन धर्म में भी विशेष महत्व रखता है. जैन धर्म के लोग इस दिन मुनियों, साधु-संतों को आहार के रूप में गन्ने का रस पिलाते हैं. जैन धर्म में इस प्रथा को पारण कहा जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन सुबह जल्दी उठ कर और स्नान कर भगवान विष्णु और लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करना अत्यंत फलदायी रहता है. उन्होंने बताया कि विष्णु के छठ में अवतार भगवान परशुराम का जन्म भी इसी दिन हुआ था. इसलिए आखा तीज के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है. इसी शुभ घड़ी में महर्षि वेदव्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था.

इस दिन किया गया दान सात जन्मों तक रहता है फलदायी
राज्याचार्य पंडित प्रकाश जती ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन महाभारत के युधिष्ठिर को अक्षय पात्र मिला था. इस पात्र में भोजन कभी समाप्त नहीं होता था. इस पात्र से वो अपने राज्य के गरीबों और निर्धन को भोजन करा कर उनकी सहायता करते थे. यही कारण है कि इस दिन किया गया दान पुण्य का फल कभी समाप्त नहीं होता.

अक्षय तृतीया के दिन ब्राह्मणों सहित साधु-संतों और गरीब लोगों को भोजन करा कर उन्हें वस्त्र दान करना कल्याणकारी रहता है. इस दिन जल्दी उठ कर स्नान कर के भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा कर गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सत्तू का अवश्य उपयोग करना चाहिए और नए वस्त्र पहनने चाहिए. जल से भरे मिट्टी के कलश, कुल्हड़, चावल, नमक, चीनी और गर्मी के मौसम में आने वाली सभी नए फलों का दान करना आखा तीज के दिन सबसे ज्यादा फलदायी रहता है.