छत्तीसगढ़ के धूर नक्सल प्रभावित क्षेत्रो से प्रसाशनिक अधिकारी,पुलिस प्रशासन,पैरामिलिट्री फोर्स नदारद, ऐसे में गांव के ग्रामीण ही बने पहरेदार, देंखे वीडियो 

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रिपोर्टर_मनोज चंदेल 

राजनांदगाँव / लॉक डाउन के दौरान जिले की सीमाओं में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं जिले में तैनात पैरामिलिट्री फोर्स का तगड़ा पेहरा है, लेकिन धूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र जो अतिसंवेदनसील क्षेत्रों में आते है, वहां ना ही प्रसानिक अमला तैनात है, ना ही पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स, इन सरहदों की जिम्मेदारी गांव के ही लोगों को दे दी गई है, ये जिले के ऐसे गांव है जो महाराष्ट्र से लगे हुए है, यहां के ग्रामीण बारी- बारी से सरहदों पर निगरानी कर रहे है, ताकि कोई भी दूसरे प्रदेश का व्यक्ति सीमा पार ना आ सके। सरहदों की निगरानी कर रहे ऐसे ग्रामीणों को संस्था के अध्यक्ष द्वारा 500- 500 रुपये देकर उनका हौसला बढ़ाया।  

अध्यक्ष राजेश मारू और कमलेश सिमनकर के मार्ग दर्शन में शहर की सेवाभावी संस्था लॉक डाउन के बाद से लगातार ऐसे गांवों में पहुँच रहे है, जहां प्रशासन नही पहुंच पा रहा है, उन ग्रामीणों तक सूखा राशन मंदिर के ही निजी वाहन से समिति के अध्यक्ष व उनकी टीम के साथ ग्रामीणों को दे रहे है।
संस्था का यह कार्य अनवरत जारी है, कल मोहला ब्लॉक के आधा दर्जन से ज्यादा गांवों में सुखा राशन के अलावा, आलू,प्याज,चना अचार, मसाले,टमाटर, केला इत्यादि ग्रामीणों तक पहुंचाया।