रायपुर /दिल्ली : छत्तीसगढ़ का नान घोटाला सुर्ख़ियों में है। कई चैट पे चैट सामने आ रही है। ऐसी ही एक चैट सुर्खियां बटोर रही है। इस चैट में एक फटकार के बाद नान घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा का माफीनामा चर्चा में है। इस माफीनामे में अनिल टुटेजा व्हाट्सएप चैट के जरिए sorry कह रहे है। यही नहीं भविष्य में ऐसी गलती ना दोहराने की दुहाई भी दे रहे है।
यकीन नहीं आता तो पढ़ लीजिए व्हाट्सएप चैट,इसमें सुपर सीएम अनिल टुटेजा पहले तो पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को फ़साने के लिए कई तिकड़म बताते है। लेकिन उन नुस्खों को आजमाने से पहले EOW के तत्कालीन चीफ ADG जीपी सिंह उन्हें कानून का पाठ पढ़ा देते है। चैट को पढ़कर आप अंदाज़ा लगा सकते है कि आखिर कैसे पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनकी पत्नी वीणा सिंह को नान घोटाले में फंसाने के लिए सरकार के दबाव में अधिकारी तानाबाना बुन रहे थे।
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ये चैट अनिल टुटेजा और ADG जीपी सिंह के बीच लीगल-इल्लिगल दिशा निर्देशों की वो अहम् कड़ी है,जिसके चलते ADG जीपी सिंह टुटेजा और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निशाने पर आ गए थे। बताते है कि ADG जीपी सिंह ने रमन सिंह को फ़साने से साफ़ इंकार कर दिया था।इसकी तस्दीक उनका ये व्हाट्सएप मैसेज करता है। सूत्रों का दावा है कि ADG जीपी सिंह आखिरी वक्त तक नान घोटाले की पटरी पर से उतरी जांच को वैधानिक रूप देने में जुटे रहे।
इसके चलते उनकी मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा से उनकी तीखी नोकझोंक भी हुई थी। इस दौरान जीपी सिंह ने कई मामलों को लेकर टुटेजा को जमकर फटकार लगाई थी। इस घटना के बाद ADG जीपी सिंह को EOW से हटाकर पुलिस ट्रेनिंग अकादमी स्थानांतरित कर दिया गया। लेकिन चंद महीनो बाद ही अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया की प्रशासनिक साजिशो का शिकार हो गए,ADG जीपी सिंह। उनकी एक याचिका की चर्चा केंद्रीय गृह मंत्रालय में भी हो रही है।
छत्तीसगढ़ के नान घोटाले से जुडी चैट इस दिनों अदालत से लेकर राजनैतिक और प्रशसनिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस चैट में सुर्खियां बटोर रही है,EOW के तत्कालीन ADG जीपी सिंह और सरकार के मुख्य कर्ताधर्ता और नान घोटाले के आरोपी अनिल टुटेजा के बीच डिजिटल बातचीत अर्थात व्हाट्सएप पर मैसेज का आदान-प्रदान। कई दौर की चैट में अनिल टुटेजा ने जीपी सिंह को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा से अवगत कराया है।
सूत्रों का दावा है कि टुटेजा ने साफ़ तौर पर मैसेज कर जीपी सिंह पर दबाव डाला कि सीएम सर और सीएम मैडम की शिनाख्ती हर हाल में रमन सिंह और वीणा सिंह के नाम पर कराई जाए। इसके लिए उसने नान घोटाले के कई आरोपियों को प्रभावित कर रमन सिंह दंपत्ति के खिलाफ बयान देने के लिए भी उपलब्ध कराए। यह भी बताया जाता है कि टुटेजा के निर्देश पर नान घोटाले के तमाम आरोपियों को अदालत में उनका बयान बदलवाने और पूर्व बयान से मुकरने के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई थी।
ADG जीपी सिंह ने अपनी याचिका में शपथ पत्र दाखिल कर कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनकी पत्नी वीणा सिंह को नान घोटाले में फ़साने के लिए अनिल टूटेजा उन पर लगातार दबाव बना रहे थे। गौरतलब है कि ADG जीपी सिंह इन दिनों निलंबित है,और अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करने में जुटे है।
जीपी सिंह ने अपनी याचिका में नान घोटाले की जांच को लेकर सरकार के रवैये की पोल खोल कर रख दी है,उन्होंने साफतौर पर बताया है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को नान घोटाले में नहीं फंसाने का खामियाजा उन्हें किस तरह से भुगतना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि कई सार्वजनिक सभाओं में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नान घोटाले के “सीएम सर और मैडम” को लेकर रमन सिंह पर तंज कसा है। जबकि उनके विश्वासपात्र अधिकारी अनिल टुटेजा की यह चैट बता रही है कि सीएम सर और मैडम से मतलब चिंतामणि चंद्राकर पति-पत्नी से है।
यह तथ्य जानने के बावजूद नान घोटाले का अग्रिम जमानत प्राप्त मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा अपने गैर कानूनी फरमानो के जरिए नान घोटाले से बच निकलने की तरकीब को अंजाम दे रहा है। जबकि नान घोटाले का ठीकरा रमन सिंह के सिर फोड़ने के लिए कांग्रेस सरकार के विश्वासपात्र अधिकारी साजिशो को अंजाम देते नजर आ रहे है। बताते है कि ये चैट तो सिर्फ बानगी है।
जीपी सिंह के आलावा ED ने भी अखिल भारतीय सेवाओं के कई अफसरों की ऐसी चैट भी अदालत के संज्ञान में लाई है,जो बताती है कि नान घोटाले के आरोपियों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में बड़ा रैकेट मुस्तैद है।
जीपी सिंह ने उस दबाव की सिलसिलेवार चर्चा की है,जिसमे अनिल टुटेजा उन्हें गलत निर्देश देकर रमन सिंह को फ़साने की साजिश में शामिल होने के लिए उन्हें मजबूर कर रहे थे। सरकार की हाँ में हाँ नहीं मिलाने के चलते जीपी सिंह के खिलाफ फर्जी प्रकरण दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित किए जाने के आरोप लग रहे है।
सिर्फ EOW के तत्कालीन ADG जीपी सिंह ने ही नहीं बल्कि ED ने भी सुप्रीम कोर्ट में बतौर डिजिटल साक्ष्य के रूप में कई ऐसी चैट भी अदालत के संज्ञान में लाई है,जिससे पता पड़ता है कि नान घोटाले का मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल कर रहा है।
वो अपनी अग्रिम जमानत के लिए ही नहीं बल्कि नान घोटाले को रफा-दफा करने के लिए अपने पद और प्रभाव का बेजा इस्तेमाल कर रहा है। ये चैट बताती है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नान घोटाले की असलियत सामने लाने को लेकर, मंशा साफ़ नहीं है। वे नान घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा के हाथो की कठपुतली बन गए है। जबकि अखिल भारतीय सेवाओं के कई वरिष्ठ अफसर भी अनिल टुटेजा की उँगलियों में नाच रहे है। इन अफसरों की कार्यप्रणाली चर्चा में है।
ED ने अनिल टुटेजा,जीपी सिंह,DG डीएम अवस्थी,ADG कल्लूरी और IG आरिफ शेख समेत कई अफसरों की चैट अदालत के संज्ञान में लाई है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी नेता राजेश मूणत ने चैट के कई दस्तावेज पेश कर अनिल टुटेजा और छत्तीसगढ़ सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने टुटेजा को सरकार की नाक का बाल बताया। वहीँ उन आईपीएस अधिकारियों का नाम भी लिया,जो चैट में किसी ना किसी कारण से शामिल रहे। हालांकि इस मामले में ना तो किसी अधिकारी की प्रतिक्रिया सामने आई और ना ही कांग्रेस ने मूणत के सवालों और आरोपों का जवाब दिया। सूत्रों का दावा है कि ED और ADG जीपी सिंह द्वारा अदालत को सौंपी गई चैट काफी संवेदनशील है। मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए अदालत से गुहार लगाई गई है।
विधानसभा चुनाव 2018 से लेकर अब तक, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस, सीएम सर और मैडम के रूप में चीख-चीख कर रमन सिंह और वीणा सिंह का नाम लेते रहे है। लेकिन मुख्यमंत्री बघेल की SIT के दस्तावेज और बयान बताते है कि सीएम सर और सीएम मैडम से तात्पर्य चिंतामणि चंद्राकर से है। चिंतामणि चंद्राकर का ही शॉट फॉर्म सीएम सर और सीएम मैडम बताया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,नान घोटाले की प्राथमिक जाँच में ही यह साफ़ हो गया था कि “सीएम सर” से मतलब “चिंतामणि चंद्राकर” है।
चूँकि चिंतामणि चंद्राकर EOW के तत्कालीन ADG मुकेश गुप्ता के करीबी सहयोगी है। वे उनके MGM हॉस्पिटल के ट्रस्टी भी है।यही नहीं चिंतामणि चंद्राकर कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष और मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाते-रिश्तेदार भी बताए जाते है। इसलिए मुकेश गुप्ता ने अपनी दागदार कार्यप्रणाली का परिचय देते हुए EOW की जांच ना केवल आधी-अधूरी कर कई बेगुनाहो को फंसा दिया,बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के विरोधियों से मिलकर सीएम मैडम और सीएम सर का शिगूफा राजनीति के हवाले कर दिया।
जानकारी के मुताबिक सीएम सर से मतलब चिंतामणि चंद्राकर था। इसकी तस्दीक नान के क्वालिटी इंस्पेक्टर ने भी की थी। यह बात मुकेश गुप्ता बखूबी जानते थे। लेकिन चिंतामणि को बचाने के लिए मुकेश गुप्ता ने मामला रमन सिंह के तरफ मोड़ दिया। चिंतामणि चंद्राकर की कोई जांच नहीं की गई। बल्कि उसके बयान दर्ज कर कई बेगुनाहो को घोटाले में फंसा दिया गया। बताते है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह एक प्रशासनिक साजिश का शिकार हो गए। जबकि नान घोटाले की कथित डायरी में दर्ज सीएम सर और सीएम मैडम से उन्हें अब तक छुटकारा नहीं मिल पाया है।