रेप मामले में आरोपी मलयालम एक्टर सिद्दीकी फरार हैं. अब पुलिस ने उन का पता लगाने के लिए तलाश तेज कर दी है. दरअसल पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है. वहीं, केरल उच्च न्यायालय ने रेप के इस मामले में एक्टर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. अब समाचार पत्रों में प्रकाशित लुकआउट नोटिस में कहा गया है कि 65 वर्षीय सिद्दीकी बलात्कार एवं आपराधिक धमकी के मामले में आरोपी हैं और उनके बारे में जानकारी रखने वाला कोई भी व्यक्ति तिरुवनंतपुरम शहर के पुलिस आयुक्त या तिरुवनंतपुरम रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक से संपर्क करे.
सिद्दीकी ने रेप मामले में अग्रिम जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, क्योंकि केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार (24 सितंबर) को उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था. उच्च न्यायालय ने कहा था कि उन पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए अपराध की उचित जांच के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना अनिवार्य है.
नोटिस में सिद्दीकी की तस्वीर के साथ-साथ उनका शारीरिक विवरण देते हुए बताया गया है कि वह 5.7 फुट लंबे और अच्छी कद-काठी के हैं. सिद्दीकी पर धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध का मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि शिकायतकर्ता एक्ट्रेस उनके खिलाफ ‘‘2019 से उत्पीड़न और झूठे आरोपों का लंबा अभियान’’ चला रही है और इसी के तहत अभिनेत्री यह मामला दर्ज कराया है.
अपनी अग्रिम जमानत याचिका में उन्होंने आगे दावा किया कि एक्ट्रेस पिछले पांच सालों से बार-बार 2016 में एक थिएटर में उनके द्वारा यौन दुर्व्यवहार किये जाने और ‘मौखिक यौन प्रस्ताव’ के निराधार और झूठे दावे करती रही हैं. सिद्दीकी ने एक्ट्रेस द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद ‘एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स’ (एएमएमए) के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था.
ये मामला तब जोरों में आया जब न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट में खुलासे के मद्देनजर कई डायरेक्टर्स और एक्टर्स के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का खुलासा हुआ. मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की कई जानी-मानी हस्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. केरल सरकार ने 2017 में एक एक्ट्रेस पर हमला मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया था. हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा किया गया है. कई अभिनेताओं और निर्देशकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने 25 अगस्त को इन मामलों की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की थी.