रायपुर : छत्तीसगढ़ में सौम्या चौरसिया और अर्चना गौतम के बाद बबीता की धूम है। बताते है कि ED को ‘साहब’ की बबीता की तलाश है, उसकी खोजबीन की जा रही है। राज्य में कोल खनन परिवहन घोटाले में शराब, शबाब और साहब का रंग भी नजर आने लगा है। यह और कोई नहीं बल्कि अदालत में पेश ED की चार्जशीट, दस्तावेजी और डिजिटल सबूत बता रहे है, इससे जुडी चैट भी बता रही है। ED ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सबसे ज्यादा विश्वसनीय सौम्या चौरसिया के काले चिट्ठे को बिलासपुर हाई कोर्ट में पेश किया है। डिप्टी कलेक्टर स्तर के पद पर मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ सौम्या का मायाजाल काफी हैरान करने वाला बताया जाता है।
सूत्रों द्वारा बताया जाता है कि सौम्या के रैकेट में कई रहस्यमय लड़कियां, महिलाएं और ‘जिगोला’ किस्म के हथियारो का जखीरा भी शामिल था। इसमें एक ‘बबीता’ का किरदार काफी रहस्यमय बताया जाता है, कहा जा रहा है कि इन दिनों एजेंसियां इसी मायाजाल को तोड़ने में जोर शोर से जुटी हुई है। इस रैकेट में बबीता की भूमिका की दास्तान किचन से लेकर बैडरूम तक बताई जाती है।
बबीता और सौम्या चौरसिया के साथ SKT, AT के साथ सौम्या चौरसिया, शेख आरिफ (IPS), आनंद छाबड़ा (IPS), कल्याण एलेसेला (IPS), प्रशांत अग्रवाल (IPS), पारुल माथुर (IPS), भोजराम पटेल (IPS), समीर विश्नोई (IAS), सुब्रत साहू (IAS), रानू साहू (IAS), जेपी मौर्य (IAS), पी अलबगन (IAS), डी अलरमेई मंगलाई (IAS) और 2 IFS समेत अखिल भारतीय सेवाओं के अन्य 3 वरिष्ठ अधिकारियो की चैट बेहद आपत्तिजनक और राज्य में घटित बड़ी आपराधिक वारदातों में हिस्सेदारी से जुडी बताई जाती है।
बताया जाता है कि इन अधिकारियो के अधीनस्थ द्रितीय श्रेणी के कई अधिकारी एक साथ घोटाले में शामिल थे। सरकारी रकम की बंदरबाट और तिजोरी में हाथ साफ करने के लिए लगातार ऑनलाइन सिस्टम को बाधित किया जा रहा था। इसके स्थान पर ऑफलाइन और दस्तावेजी प्रक्रिया अपना कर कई विभाग अपने-अपने स्तर पर भ्रष्टाचार में लिप्त थे।
बताते है कि सरकारी मशीनरी में शामिल कई जिम्मेदार अफसरों ने विधिसंगत प्रक्रिया का पालन न करते हुए आरोपियों के निर्देश पर कार्य करते रहे। सूत्रों के मुताबिक भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए अंतिम विकल्प के तौर पर ED ने मंत्रालय में छापेमारी की थी।
छत्तीसगढ़ में कोल खनन परिवहन घोटाले में SKT अर्थात सूर्यकान्त तिवारी और सौम्या चौरसिया के बीच आपसी रिश्तो की चैट ‘काफी’ बताई जाती है, दोनों के बीच ‘यार’ सम्बोधन के साथ घोटालो और अपराधों की चैट विस्फोटक है।
बताते है कि एक मामले से जुड़ा चैट का छोटा सा अंश ED ने सौम्या चौरसिया की जमानत रद्द किये जाने हेतु, दायर याचिका में सुनवाई के दौरान अदालत के संज्ञान में भी लाया है। इसमें सौम्या ने SKT को ‘यार’ सम्बोधित करते हुए पूछा है कि प्रोजेक्ट का ठेका किसे देना है ? इसके जवाब में SKT ‘सत्या’ अपना है, कह कर प्रतिउत्तर देता है।
बताया जाता है कि ठेके का मामला रावघाट प्रोजेक्ट का है, इसमें वेदांता समेत कई नामी गिरामी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा कर किसी ‘सत्या’ इंडस्ट्री को खदान सौप दी गई थी। सूत्र बताते है कि यह खदान सुरक्षित ‘हाथो’ में है, मतलब साहब के मालिकाना हक़ में है। बताते है कि ED ने कोल खनन परिवहन घोटाले में जिस ‘बबीता’ का जिक्र किया है। उसकी महिमा भी अपरंपार बताई जाती है, बताया जाता है कि SKT और सौम्या नियमित रूप से एक-दूसरे के संपर्क में रहते थे। SKT अक्सर बबीता को एक-दो खास ज्वेलर्स के ठिकानो से करोडो के हीरे और सोने से जड़े जेवरात, बिस्किट एवं कीमती गिफ्ट आयटम खरीद कर ब्लैक मनी ठिकाने लगाया करते थे।
सूत्रों के मुताबिक सौम्या के कोरबा में निवासरत करीबी रिश्तेदार एन एस पटेल के ठिकानों पर ED की हालिया दबिश में कई हैरतअंगेज खुलासे हुए है। बताया जाता है कि इस गिरोह ने करोडो की बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज, एग्रीमेंट, नगद रकम और सोने का भंडारण एक खास स्थान पर किया है। सूत्रों के मुताबिक इस कार्य में इस्तेमाल एक वाहन की निशानदेही पर एजेंसियों ने तय स्थान को चिन्हांकित कर अपना जाल भी बुना है।
सूत्रों के मुताबिक गुजरात में अहमदाबाद के इर्द-गिर्द के कुछ ठिकानों पर भी दबिश से इंकार नहीं किया जा सकता। बताते है कि कोल खनन परिवहन घोटाले के अंजाम तक पहुंचते-पहुंचते दर्जनभर से ज्यादा अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी जेल की सलाखों के पीछे नजर आ सकते है। बताते है कि हालिया छापेमारी से इसकी बानगी भी देखने मिल रही है। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि आने वाले दिनों ED ने ऐसी ही सक्रियता बनाये रखी तो इस राज्य में अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों का टोटा पड़ सकता है।
राज्य के प्रशासनिक हलकों में सौम्या चौरसिया की आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण के दौर में अखिल भारतीय सेवाओं के कई अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई है। ऐसे समय प्रदेश की राजनीति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की खास समर्थक अर्चना गौतम की धमक भी कम सुर्खियों में नहीं है। इस संक्रमण काल में चर्चित महिला क्रांति की नयी अलख जगाने के एक नए मामले में ‘बबीता’ की चैट राजनीति में प्याले में तूफान की तर्ज पर बताई जाती है।
बताया जाता है कि गिरोह के हमाम में सब की सब एक साथ ‘हर-हर गंगे’। फ़िलहाल तो भ्रष्टाचार की ‘बबीता भाभी’ की एक झलक पाने के लिए लोगो की बे-करारी बढ़ती जा रही है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों ‘मस्तराम’ के किस्से कहानियां चैट के साथ सामने आ सकती है।
उधर एक जानकारी के मुताबिक अर्चना गौतम और प्रियंका गाँधी के सचिव संदीप सिंह के बीच छिड़ा विवाद छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है। बताया जाता है कि यूपी पुलिस ने अर्चना के पिता गौतम बुद्ध की शिकायत पर हस्तिनापुर थाने में संदीप सिंह के खिलाफ दर्ज FIR अग्रिम विवेचना के लिए रायपुर पुलिस को भेज दी है। सूत्र बताते है कि राजनैतिक दबाव के चलते इस मामले के डिजीटल साक्ष्य नष्ट करने का कार्य भी जोरो से संपन्न किया गया। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि पीड़ित अर्चना गौतम को न्याय दिलाना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।
जानकार बताते है कि बबीता भाभी भी सौम्या और अर्चना से कोई कम नहीं। वे भी राजनीति और अपराधों का अच्छा खासा ज्ञान रखती है। बताते है कि उसका रसूख भी सौम्या से कम नहीं है। बताते है कि मस्तराम तो मैडम के आँख दिखाते ही ‘लमलेट’ हो जाते है, लेकिन बबीता कई मौको पर सौम्या को दांतो तले लोहा चबाने पर मजबूर कर देती है। बताते है कि उसके एक इशारे पर कई बार सौम्या ‘इधर से उधर’ होने में देरी नहीं करती थी।
सूत्र बताते है कि बबीता की चैट की प्रमाणिकता आखिरी दौर में है, लेकिन दिल्ली में कोर्ट कचहरी के गलियारों में सूर्यकान्त तिवारी के साथ एक प्रभावशील महिला अधिकारी की आपत्तिजनक चैट, बताती है कि कोल स्कैम में शराब, शबाब और मस्तराम का आपस में गहरा नाता है।