दुर्ग : छत्तीगढ़ में बदसूरत से लेकर सिर ढकने वाले या फिर अजीबो – गरीब लिबाज पहने लोगो की जान पर बन आई है। उनकी कद – काठी और पहनावे से लोग उन्हें बच्चा चोर समझने लगे है। ऐसे लोगो की शक जाहिर कर बुरी तरह से पिटाई हो रही है। पीड़ितों के पुलिस के कब्जे में आने के बाद खुलासा हो रहा है कि पिटने वाला शख्स बच्चा चोर नहीं बल्कि व्यसायी या अन्य कोई शरीफ आदमी है। पुलिस भी बच्चा चोर गिरोह की शक में होने वाली हिंसक घटनाओ को लेकर परेशान है।
इसका केंद्र दुर्ग जिला बन गया है। यहाँ बच्चा चोरी के शक में फिर एक परिवार की पिटाई का मामला सामने आया है. पीड़ित परिवार ने बड़ी मुश्किल से हिंसक लोगो से अपनी जान बचाई।
दुर्ग में बच्चा चोरी की अफवाह गांव -गांव में फ़ैल रही है। इससे होने वाली हिंसक घटनाओ में आम और निर्दोष लोगों को मारने की घटनाएं लगातार आ रही है। ताजा मामला दिल्ली से दुर्ग पहुंचे एक परिवार का है। ये पीड़ित परिवार त्यौहार के मद्देनजर फेरी लगाकर सामान बेचता है। कुछ लोगों ने इस परिवार पर ही बच्चा चोर गिरोह का आरोप लगा कर बुरी तरह से मारपीट की।
इन लोगों ने पीड़ित परिवार को उनके घर से निकालकर बुरी तरह से पीटा। राहगीरों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई। दुर्ग कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इस परिवार को सुरक्षित थाने लाया। बताया जाता है कि पीड़ित पति पत्नी लगभग पिछले 4 सालों से इसी गंजपारा इलाके में किराये के मकान में रहते है।
वे घूम घूमकर कपड़ा और दरी बेचने का काम करते है। बताया जाता है कि बीती रात किसी ने अफवाह फैला दी कि ये लोग बच्चा चोर हैं। इसके पूर्व इस इलाके में दो बार ऐसी हिंसक घटनाएं सामने आई है। भिलाई में साधुओं की पिटाई की गई थी। बच्चा चोर गिरोह होने के संदेह में हफ्ते भर में यह तीसरी घटना है।