कांकेर। कांकेर के ग्राम माकड़ी में स्थित तेंदूपत्ता गोदाम में आग लग जाने से दो करोड़ रुपये का तेंदूपत्ता जलकर खाक हो गया है। आग इतनी भीषण लगी की उस पर अब तक काबू नहीं किया जा सका है। छह घंटे से दमकल कर्मचारी आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल आग बुझाई नहीं जा सकी है।
माकड़ी स्थित वन विभाग के तेंदूपत्ता गोदाम में गुरुवार दोपहर 12 बजे आग लग गई। गोदाम से धुंआ और आग की लपटें उठने के बाद वन कर्मियों को इसकी जानकारी हुई। जिसकी सूचना उन्होंने तत्काल आला अधिकारियों व फायर ब्रिगेड कार्यालय को दी। सूचना पर दमकल कर्मचारी मौके पर पहुंचे और आग बुझाने के कार्य में जूट गए।
पत्तों के सूखे होने के कारण आग तेजी से फैल रही
पत्तों के सूखे होने के कारण आग तेजी से फैल रही थी। जिस पर काबू पानी आसान नहीं था। दमकल वाहन लगातार आग पर काबू करने का प्रयास करती रही, लेकिन शाम सात बजे तक आग बुझाई नहीं जा सकी थी। दमकल व वन विभाग के कर्मचारी मौके पर डटे हुए थे। वहीं बताया जा रहा है कि पास ही खेत में आग लगाई गई थी। संभावना है कि उसकी चिंगारी तेंदूपत्ता गोदाम तक पहुंचने के कारण सूखे पत्तों में आग लग गई। दूसरी ओर सूचना के बाद वन विभाग के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे गए थे।
मुख्य वन संरक्षक एसडी बड़गइयां ने बताया कि माकड़ी स्थिति तेंदूपत्ता गोदाम नंबर 3 में आग लग गई है। गोदाम में 5600 बोरा तेंदूपत्ता था, जिसमें 1100 बोरा तेंदूपत्ता के व्यापारी द्वारा पैसे दिए गए थे और उनके द्वारा तेंदूपत्ता का उठाव कर लिया गया था। शेष 4500 बोरा तेंदूपत्ता आग में जलकर खाक हो गया। जिसकी कीमत लगभग 2 करोड़ 16 लाख रुपये है। जिसका बीमा कराया गया था, जिससे बीमा कंपनी द्वारा नुकसान की राशि की भरपाई की जाएगी। आग लगने के कारण के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि गोदाम में पीछे खेत में लगी आग की चिंगारी गोदाम के अंदर आ जाने के कारण तेंदूपत्ते में आग लग गई थी। आग बुझाने का कार्य जारी है।
आग बुझाने में जुटे चार दमकल वाहन
तेंदूपत्ता गोदाम में लगी आग इतनी भीषण थी कि कांकेर के दो दमकल वाहनों के आग बुझाने के कार्य में जुटी थी, लेकिन दो दमकल वाहनों के कम होने के कारण बालोद व धमतरी से भी एक-एक दमकल वाहनों को बुलाना पड़ा। चार दमकल वाहन कई ट्रीप पानी आग बुझाने में झोंक चुके हैं, लेकिन अब तक आग पर काबू नहीं किया जा सका है।
तीन अन्य गोदामों से दूर इसलिए सुरक्षित
सीसीएफ एसडी बड़गइयां ने बताया कि तेंदूपत्ता की खरीदी के बाद गोदाम तक लाने के बाद एक मानक बोरे की कीमत 4800 रुपये होती है। माकड़ी में दस गोदाम है, जिसकी क्षमता 1 लाख बोरों की है। गोदाम नंबर तीन अन्य गोदामों से दूर है, इसलिए अन्य गोदामों में आग लगने का खतरा नहीं है और उनमें रखा तेंदूपत्ता सुरक्षित है।