रायपुर / छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय में पदस्थ डीजीपी मुकेश गुप्ता लगभग तीन माह से ‘लापता’ है | उसके बारे में ना तो पुलिस मुख्यालय से कोई जानकारी मिल पा रही है , और ना ही डीजीपी डीएम अवस्थी ने ‘लापता’ मुकेश गुप्ता के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने के लिए कोई प्रक्रिया शुरू की है | गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कई गंभीर आपराधिक मामलो में लिप्त रहने के चलते मुकेश गुप्ता को निलंबित कर दिया था | उसके खिलाफ दो अलग-अलग मामलो में FIR भी दर्ज की गई है | दोनों ही गंभीर अपराधों में आरोपी मुकेश गुप्ता के बयान दर्ज होने है और उसकी गिरफ्तारी भी होनी है | हालांकि निलंबित होने के बाद इस आरोपी अफसर को पुलिस मुख्यालय में अपनी आमद दर्ज करानी थी | लेकिन सस्पेंड होने के बाद उसने पुलिस मुख्यालय का रुख तक नहीं किया है | आमतौर पर निलंबित कर्मचारी और अफसर को निलंबन अवधि में भी अपने मुख्यालय में उपस्थिति दर्ज करानी होती है | लंबे अरसे से मुकेश गुप्ता के लापता होने के बावजूद पुलिस मुख्यालय द्वारा उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने से डीजीपी डीएम अवस्थी की कार्यप्रणाली पर भी सवालियां निशान लग रहा है |
आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ 7 फरवरी 2019 को नान घोटाले में खुद लिप्त रहने के चलते एफआइआर दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ अवैध रूप से फोन टेपिंग करने,सरकारी दस्तावेजों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने सहित अन्य आरोपों के तहत धारा 166, 166 ए, 167, 193, 196, 201, 466, 467, 471, 120 बी तथा भारतीय टेलिग्राफ़ एक्ट 25, 26 सहपठित धारा 5 (2) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। इस मामले में आरोपी मुकेश गुप्ता के साथ साथ EOW के तत्कालीन एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है | आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ दूसरी FIR 12 फरवरी 2019 को धारा 166, 166 ए, 167, 193, 196, 201, 466, 467, 471, 120 बी तथा भारतीय टेलिग्राफ़ एक्ट 25, 26 सहपठित धारा 5 (2) के आलावा 471, 201, 166 और 467 के तहत मामला पंजीबद्ध है | बताया जाता है कि दोनों ही मामलों में आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी तय है | लिहाजा गिरफ्तार होने से बचने के लिए वो पुलिस मुख्यालय में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने से बच रहा है |
इतने लंबे समय से एक सीनियर पुलिस अधिकारी के पुलिस मुख्यालय से नदारत रहने के मामले में डीजीपी डीएम अवस्थी भी सवालों के घेरे में है | आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ लापता रहने के बावजूद कोई वैधानिक कार्रवाई नहीं करना उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवालियां निशान लगा रहा है | यही नहीं पुलिस विभाग के मुखिया होने के नाते डीजीपी डीएम अवस्थी मुकेश गुप्ता के अन्य गंभीर अपराधों में भी लिप्त रहने के कारण उन्हें ‘कारण बताओं’ नोटिस भी जारी कर सकते है | लेकिन उनके द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई समय रहते नहीं की गई है | यह भी जानकारी मिली है कि बीते तीन माह से सरकारी कार्य से गैर हाजिर होने के बावजूद मुकेश गुप्ता को वेतन भी दिया जा रहा है | यह गौरतलब है कि राज्य सरकार मुकेश गुप्ता जैसे भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने में जुटी है | वहीँ दूसरी ओर पुलिस महकमा और राज्य का गृह विभाग दागी अफसरों को संरक्षण देने में जुटा है | न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने आरोपी मुकेश गुप्ता के मामले में राज्य के गृह विभाग से भी जानकारी इक्कठी करनी चाही | लेकिन गृह सचिव का मोबाइल स्विच ऑफ़ प्राप्त हुआ | जबकि गृह सचिव के दफ्तर से फोन रिसीव करने वाले शख्स ने बताया कि ‘साहब’ मीटिंग में व्यस्त है |