हिंदू धर्म में विवाह के दौरान कई रीति- रिवाज़ों का पालन किया जाता है जिनका शास्त्रों में बेहद महत्व है । सिंदूरदान, जयमाल, फेरे व वर द्वारा वधू को मंगलसूत्र पहनाना जैसी कई सारी रस्मों को लोग निभाते हैं । हाल ही में इनमें से एक रस्म का खंडन किया गया । हिंदू विवाह संस्कृति में दूल्हा-दुल्हन को मंगलसूत्र पहनाता है ,लेकिन शादी के मंडप में दुल्हन ने दूल्हे को मंगलसूत्र पहनाकर सबको चौंका दिया ।
कर्नाटक के विजयपुरा जिले में दो दुल्हनें तब नए युग की शादी की मिशाल बन गईं, जब पारंपरिक तरीके से दूल्हों ने दुल्हनों के मंगलसूत्र बांधा वैसे ही दुलहनों ने भी आगे बढ़कर दूल्हों के गले में मंगलसूत्र बांध दिया |
दोनों भिन्न संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं
दूल्हे और दुल्हन दोनों अलग-अलग जातियों के हैं | इस अंतर्जातीय विवाह समारोह में कन्यादान और मुहूर्त जैसी परंपराएं भी टूटीं | दूल्हे, अमित और प्रभुराज ने क्रमशः 12 वीं शताब्दी की श्री बासवन्ना की परंपरा में प्रिया और अंकिता से शादी की. दोनों जोड़ियां लैंगिक समानता में विश्वास करती हैं और अपनी अनोखी शादी के साथ एक सामाजिक संदेश भेजना चाहती हैं | ऐसा माना जाता है कि शादीशुदा महिलाएं ताउम्र अपने पति की रक्षा के लिए मंगलसूत्र पहनती हैं । मंगलसूत्र के काले मोती किसी भी बुराई से वैवाहिक जीवन की रक्षा करती हैं । विवाह में होने वाले अपशकुन में रोकने को लिए मंगलसूत्र पहनाया जाता है । दिलचस्प बात यह है कि, यह शादी लिंगायत हार्टलैंड में हुई जहां 12 वीं शताब्दी में बासवन्ना ने पुरुषों और महिलाओं की समानता का प्रचार किया था | दोनों दूल्हों के पिता बासवन्ना के प्रबल अनुयायी है |