बैल की मौत और दिव्यांग बेटे की परेशानी सहन नहीं कर सका किसान , फांसी लगाकर की आत्महत्या |

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गरियाबंद / छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | बताया जा रहा है कि किसान अपने बैल की मौत से दुखी था , और उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी | इसके साथ ही किसान दिव्यांग बेटे की तकलीफों से भी परेशान था। घटना सढोंली गांव की हैं यहाँ दिन भर से लापता 70 वर्षीय किसान का शव फांसी पर लटका मिला।  मामले में लोगों ने बताया कि बैल की मौत हो जाने से समय पर धान की बुवाई नहीं हो पाई थी जिसके कारण किसान काफी परेशान था | 

गरियाबंद के सढोली गांव का रहने वाला किसान रामेश्वर यादव खेती किसानी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था | उसका एक बीटा भी है , जो दिव्यांग है | इसे लेकर किसान काफी परेशान रहता था | किसी तरह उसने जमा पूंजी इक्कठा कर दो बैल खरीदे थे | जिससे उसे खेती किसानी और अच्छे से करने की उम्मीद थी | लेकिन उसकी उम्मीदों पर तब पानी फिर गया , जब कुछ दिन पहले उसके बैल की मौत हो गई | इससे वो काफी तनाव में आ गया  |  

बीती सुबह किसान रामेश्वर बिना बताए घर से कहीं चला गया था जिसकी खोजबीन में गांव वाले जुटे हुए थे गांव वालों को आज सुबह उसकी लाश एक पेड़ पर फांसी पर लटकी हुई मिली जिसके बाद किसान के रिश्तेदारों ने बताया कि बैल की मौत से किसान कुछ ज्यादा ही दुखी था। इन सबके बीच गरियाबंद पुलिस की सहायता से किसान के शव को उतरवा कर पंचनामा कर पोस्टमार्टम हेतु जिला चिकित्सालय के मरचुरी लाया गया। अब दिव्यांग बेटे के पालन पोषण की चिंता परिवार के बाकी लोगों को सता रही है।