भारत में बेरोजगारी दर फरवरी महीने में बढ़कर ढाई साल के शिखर पर पहुंच गई है | दरअसल फरवरी 2019 में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.2 प्रतिशत हो गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र (CMIE) के अनुसार ये आंकड़े सामने आए हैं जबकि साल 2016 में बेरोजगारी की दर 5.9 प्रतिशत थी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, CMIE के यह आंकड़े देश भर के लाखों परिवारों में किए गए सर्वे पर आधारित होते हैं. CMIE के प्रमुख महेश व्यास ने एजेंसी को बताया कि नौकरी चाहने वालों की संख्या में गिरावट के बावजूद बेरोजगारी की दर में रिकॉर्ड बढ़त हुई है. उन्होंने कहा कि फरवरी में करीब 40 करोड़ लोगों के नौकरी में रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल फरवरी में यह संख्या 40.6 करोड़ के आसपास थी |
गौरतलब है कि अप्रैल से मई के बीच देश में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में यह आंकड़ा मोदी सरकार के लिए तकलीफदेह हो सकता है. हालांकि, सरकार बेरोजगारी की अपने स्तर पर आंकड़ा जारी करती है और सरकार ने बार-बार कहा है कि बेरोजगारी दर मापने के पुराने मापदंड में बदलाव की जरूरत है | CMIE की जनवरी में जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि 2018 में करीब 1.1 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए. इसके लिए 2016 में मोदी सरकार द्वारा की गई नोटबंदी और 2017 में लागू जीएसटी को जिम्मेदार बताया गया. सरकार ने पिछले महीने संसद में कहा था कि उसके पास यह आंकड़ा नहीं है कि नोटबंदी से नौकरियों पर क्या असर पड़ा है | CMIE के अनुमान के अनुसार, भारत में वर्किंग एज वाली जनसंख्या हर साल करीब 2.3 करोड़ बढ़ जाती है. यदि इसके 42 से 43 फीसदी हिस्से को लेबर फोर्स में शामिल होने का अंदाजा लगाया जाए तो हर साल 96 लाख से 99 लाख नए लोग लेबर फोर्स में जुड़ जाते हैं.