2015 में छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला देने वाले अंतागढ़ टेप कांड की जाँच के भी आदेश राज्य सरकार ने दी है | बहुचर्चित अंतागढ़ टेपकांड की जांच के आदेश छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने दिए हैं | रायपुर की एसपी नीथू कमल को जांच का ज़िम्मा सौंपा गया है | नीतू के अलावा डीएसपी अभिषेक महेश्वरी और टीआई तेलीबांधा जांच टीम में होंगे । राज्य सरकार ने इसके पहले झीरम व नान घोटाले के जाँच के आदेश दिए है |
बीजेपी सरकार के समय भूपेश बघेल ने सरकार से इस मामले को आपराधिक मामले के तहत जांच करने की मांग की थी | लेकिन कोई फैसला नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाईं थी | हाईकोर्ट में याचिका ख़ारिज हो गई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था | नवंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर लिया था |
यह था पूरा मामला
2014 में कांकेर ज़िले के अंतागढ़ विधायक विक्रम उसेंडी के संसद बनने के बाद उपचुनाव हुआ था | इसमे कांग्रेस ने मंतूराम पवार को उम्मीदवार बनाया था | 13 सितंबर को चुनाव होना था | लेकिन मंतूराम पवार ने पार्टी को सूचना दिए बैगेर रहस्यमयी तरीके से 29 अगस्त 2014 नाम वापसी के दिन अपना नाम वापिस ले लिया | जिसके बाद बीजेपी उम्मीदवार भोजराम नाग चुनाव जीत गए | जिसमें कथित रूप से अजीत जोगी के बेटे और तत्कालीन मरवाही विधायक अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के दामाद डॉक्टर पुनीत गुप्ता के बीच बातचीत का कथित ऑडियोसामने आया था | जिसमें दोनों कथित रूप से रुपयों के लेनदेन की बात कर रहे हैं | ये लेनदेन कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार के नाम वापिस लेने को लेकर है |