पूर्व गृहमंत्री राम सेवक पैकरा के खिलाफ जांच , सरकार ने सूरजपुर कलेक्टर से पंद्रह दिनों के भीतर मांगी रिपोर्ट |

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पूर्व गृहमंत्री राम सेवक पैकरा के स्वेच्छा अनुदान को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने सूरजपुर कलेक्टर से जांच कर प्रतिवेदन मांगा है, साथ ही सचिव, गृह विभाग को स्वेच्छा अनुदान से संबंधित बिंदुओं को छोड़कर शेष बिंदुओं पर आवश्यक कार्रवाई करते हुए शिकायतकर्ता और विभाग को अवगत कराने पत्र लिखा है |  


अधिवक्ता व आरटीआई कार्यकर्ता डी.के. सोनी अधिवक्ता के द्वारा पूर्व गृहमंत्री राम सेवक पैकरा के विरुद्ध वर्ष 2016 में स्वेच्छा अनुदान में किए गए गड़बड़ी तथा आय से अधिक मामले की जांच बाबत शिकायत की थी | लेकिन शासन सत्ता में होने के कारण डी.के. सोनी की शिकायत को दबा कर रख दिया गया था उसमें किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही थी | इस पर सोनी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिस पर उच्च न्यायालय ने 11 अप्रैल 2017 को आदेश पारित कर गृह मंत्री राम सेवक पैकरा के विरुद्ध लोक आयोग एवं अन्य स्थानों पर शिकायत कर जांच कराने का आदेश दिया था |  इस आदेश के बाद सोनी ने लोक आयोग और अन्य जगहों पर शिकायत की थी |   तथा वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास  शिकायत की गई | जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास के ज्ञापन के आधार पर  शिवकुमार सिंह अवर सचिव छ.ग. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा कलेक्टर सूरजपुर को पत्र लिखकर स्वेच्छा अनुदान स्वीकृति से संबंधित बिंदुओं की जांच कर, जांच प्रतिवेदन 15 दिवस में इस विभाग को उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिया गया है  | 

साथ ही शिवकुमार सिंह अवर सचिव, शासन सामान्य प्रशासन विभाग रायपुर द्वारा सचिव छ.ग. शासन गृह विभाग, मंत्रालय नया रायपुर को स्वेच्छा अनुदान से संबंधित बिन्दु छोड़ कर शेष बिंदुओं जिसमें आय से अधिक का मामला है का नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करते हुए शिकायतकर्ता एवं इस कार्यालय को अवगत कराने हेतु निर्देश दिया गया है  | अब देखना है कि पूर्व गृहमंत्री राम सेवक पैकरा के विरुद्ध जांच के बाद क्या प्रतिवेदन आता है और पूर्व गृहमंत्री के विरुद्ध क्या कार्यवाही होती है  |