नासा अब अंतरिक्ष पर्यटन के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) में जाने की अनुमति देने की तैयारी कर रहा है. नासा ने शुक्रवार यानी 7 जून को ऐलान किया कि वह 2020 से अंतरिक्ष पर्यटन सहित व्यवसायिक योजनाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन खोलेगा. इसके लिए यात्रियों को भारी कीमत अदा करनी होगी. अंतरिक्ष में एक रात बिताने के लिए 35,000 अमेरिकी डॉलर खर्च करने होंगे. बता दें कि अब तक नासा ने अंतरिक्ष में स्थित इस प्रयोगशाला को वैज्ञानिक हितों के लिए किसी भी अन्य तरह की गतिविधि से दूर रखा था | जबकि रूस ने अपनी अंतरिक्ष प्रयोगशाला को वाणिज्य गतिविधियों के लिए खुला रखा है | नासा के इस कदम को धनराशि इकट्ठा करने के लिए एक व्यवसाय के तौर पर देखा जा रहा है | नासा ने योजना बनाई है कि ज्यादा ये ज्यादा दो छोटे अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में जा सकते हैं और तीस दिन तक वहां रह सकते हैं |
न्यूयार्क में नासा के मुख्य वित्तीय अधिकारी जेफ डेविट ने कहा कि अनुमान है कि प्रति यात्रा की लागत लगभग 50 करोड़ डॉलर (3 खरब, 46 करोड़ रुपये) प्रति सीट होगी | उन्होंने बताया कि इन यात्रियों के इंतजाम की जिम्मेदारी स्पेस एक्स और बोइंग कंपनी को दी जाएगी | खुद नासा केंद्र में रहने, भोजन और संचार की व्यव्स्था करने की जिम्मेदारी लेगा और उसके बदले यात्री से रुपया लेगा | जो लगभग 35 हजार डॉलर प्रति रात्रि होगा | साथ ही नासा ने यह भी कहा कि प्रति वर्ष 12 से अधिक निजी अंतरिक्ष यात्री आईएसएस का दौरा कर सकते हैं | इन यात्रियों को विशेष रूप से नासा के लिए परिवहन वाहन विकसित करने वाली दो कंपनियों द्वारा ऑर्बिटर के लिए उतारा जाएगा | स्पेस एक्स इसके लिए क्रू ड्रैगन कैप्सूल और बोइंग के साथ बातचीत किया है | ये कंपनियां आईएसएस की यात्रा के लिए ग्राहकों और बिल का चयन करेंगी | गौरतलब है कि अंतरिक्ष स्टेशन नासा से संबंधित नहीं है. इसे रूस के साथ 1998 में बनाया गया था और अन्य देशों ने इस मिशन में भाग लिया था और वह अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजते हैं, लेकिन अमेरिका ऑर्बिटर बनाने वाले अधिकांश मॉड्यूल के लिए भुगतान और नियंत्रण करता है | इससे पहले अमेरिकी व्यवसायी ‘डेनिस टीटो’ 2001 में अंतरिक्ष पर्यटक के रूप में जा चुके हैं | आज से लगभग 18 वर्ष पहले उन्होंने यात्रा के लिए रूस को 20 मिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान किया था |