नकल रोकने के इस कॉलेज ने तो सारी हदे पार कर दी , छात्रों को गत्ते के डिब्बे पहनाकर परीक्षा कराई 

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आपने तांगे या बग्घी तो जरूर देखा होगा और तांगे या बग्घी को खींचता है घोड़ा | घोड़े की पीठ पर होती है लकड़ी की काठी और आंखों पर होता है एक काला पट्टा | बग्घी पीठ पर रखी काठी से जुड़ी होती है | उस पर आप बैठ सकते हैं या फिर सामान लाद सकते हैं और घोड़ा उसे आसानी से खींच सकता है | घोड़े की आंख पर पट्टी इसलिए होती है ताकि घोड़ा दाएं-बाएं न देख सके | उसे सिर्फ सामने की सड़क दिखाई दे और कुछ नहीं | वो घोड़ा है, तो बर्दाश्त कर लेता है | लेकिन सोचिए कि अगर किसी इंसान के साथ ऐसा किया जाए तो | ऐसा ही कुछ हुआ हैकर्नाटक के हावेरी जिले के एक स्कूल में | यहाँ छात्रों को बग्घी में जुते घोड़े की तरह ही बनाने की कोशिश की है | वहां घोड़े को पट्टी पहनाई जाती है ताकि वो सीधे देख सके | इस कॉलेज ने छात्रों के सिर में कॉर्टन के डिब्बे पहना दिए और आंखों के सामने की जगह खाली छोड़ दी ताकि वो सीधे देख सकें | भगत प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज ने अपने इस अमानवीय कृत्य के लिए तर्क दिया है कि वो परीक्षा में हो रही नकल रोकने की कोशिश कर रहे थे | लेकिन जब फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तो बवाल हो गया |

हावेरी जिले के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन का कहना है कि भगत प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज को एक नोटिस जारी किया गया है | परीक्षा के दौरान कार्डबोर्ड बॉक्स पहनने के लिए छात्रों को मजबूर करने पर जवाब मांगा है | अधिकारी का कहना है कि वजह जो भी हो, लेकिन छात्रों को परीक्षा के दौरान डिब्बे पहनने के लिए नहीं कहा जा सकता | हमारी ओर से ऐसी कोई सलाह नहीं दी गई, न ही ऐसा कोई नियम है | घटना 16 अक्टूबर की है , लेकिन मामले का खुलासा तब हुआ जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया | इस घटना पर राज्य के शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार का कहना है कि ये स्वीकार करने लायक नहीं है | उन्होंने कहा कि किसी के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वह छात्रों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार करे | कॉलेज के खराब व्यवहार से जल्द निपटा जाएगा |


 कॉलेज के प्रमुख एमबी सतीश ने मीडिया से दावा किया है कि बिहार के एक कॉलेज ने परीक्षाओं के दौरान नकल रोकने के लिए स्टूडेंट्स को कार्डबोर्ड बॉक्स पहनाए थे और इसके लिए उनकी तारीफ भी हुई थी |  हमने यह देखने की कोशिश की कि यह ट्रायल के रूप में कैसे काम करता है |  छात्रों को पहले ही बता दिया गया था कि प्रत्येक छात्र- छात्रा को परीक्षा के दौरान पहनने के लिए बक्से दिए जाएंगे |  किसी भी छात्र को उन्हें पहनने के लिए मजबूर नहीं किया गया था |  यह वैकल्पिक था ना कि इसे थोपा गया था |