स्काई योजना की जांच कराएगी भूपेश सरकार , मुख्यमंत्री ने कहा- पार्टी प्रचार के लिए डाला नमो और मोदी एप |

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रायपुर / पूर्ववर्ती रमन सरकार की बहुचर्चित स्काई योजना की प्रदेश सरकार सीएजी से जांच कराएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि टेंडर जारी करने से लेकर मोबाइल बांटने तक की प्रक्रिया की जांच होगी। साथ ही बचे हुए मोबाइल कंपनी को लौटाए जाएंगे। इसके लिए कंपनी से बात की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पार्टी के प्रचार के लिए मोबाइल में नमो एप और रमन एप डाला गया।

दरअसल, सोमवार को विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव ने तत्कालीन राज्य सरकार की स्काई योजना पर सवाल उठाए। विधायक ने कहा कि नेटवर्क नहीं तो मोबाइल का क्या होगा? जियो कंपनी को फायदा पहुंचाने का खेल चल रहा है? मोबाइल फट भी रहा है। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब दिया कि स्काई योजना की जांच कराई जाएगी। बचे हुए मोबाइल बांटने की हमारी कोई योजना नहीं है। ये योजना पैसे की बंदरबांट है। धन का अपव्यय है। प्रधानमंत्री के नमो एप और पूर्व सीएम के रमन एप को भी मोबाइल में डाल दिया गया। योजना के नाम पर पार्टी का प्रचार किया गया।

9 लाख मोबाइल का नहीं हुआ है वितरण

बताया गया कि 23 अगस्त 2017 को संचार क्रांति योजना शुरू की गई थी। मोबाइल कनेक्टिविटी और जेंडर सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए इस योजना को शुरू किया गया था।  28 नवम्बर 2017 को संचार क्रांति शुरू हुई थी। 14 वें वित्त आयोग से 610 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई,  लेकिन इसके विरोध के बाद 15 फरवरी 2018 को 14 वे वित्त आयोग की राशि के उपयोग किए जाने के आदेश को निरस्त किया गया।  29 लाख 14 हजार 845 मोबाइल का वितरण किया जा चुका है। 9 लाख 20 हजार 518 मोबाइल अभी बचे हुए हैं। टावर लगाने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है। 844 करोड़ का बिल कंपनी ने दिया था। 189 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। पिछली सरकार ने बाकी पैसा हमारे लिए छोड़ दिया था भुगतान के लिए।