रायपुर / न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ ने उजागर किया था कि सस्पेंड डीजी मुकेश गुप्ता के काले कारनामो से “प्याज की छिलको की तरह निकल रही है बेनामी सम्पत्तियाँ ” | यह समाचार सत्य साबित हुआ है | इस आरोपी ने देश प्रदेश में जमकर ब्लैकमनी खपाई है | वर्ष 1988 बैच के इस कुख्यात आईपीएस अधिकारी का केरल के त्रिवेंद्रम में स्थित एक महंगी कॉलोनी में लगभग डेढ़ करोड़ का आलीशान बंगला मिला है | यह बंगला भी उसने हवलदार रेखा नायर के पिता के नाम से खरीदा था | EOW को आरोपी मुकेश गुप्ता की एक के बाद एक कई बेनामी सम्पत्तियां मिल रही है | दिलचस्प बात यह है कि आरोपी मुकेश गुप्ता ने हवलदार रेखा नायर के पूरे खानदान को ब्लैकमनी खपाने का जरिया बना लिया था |
EOW की निलंबित स्टेनाे रेखा नायर का केरल के त्रिवेंद्रम शहर की एसएफएस पॉश कॉलाेनी में डेढ़ करोड़ की लागत से अधिक का बंगला मिला है। यह बंगला रेखा के पिता रमाकांत के नाम पर है | EOW ने रेखा के कोल्ल्म में रहने वाले एक बेहद करीबी नाते-रिश्तेदार से पूछताछ की, तब इसका खुलासा हुआ । जानकारी हासिल होने के बाद केरल के रजिस्ट्री दफ्तर से जब EOW ने रिकार्ड निकलवाए, तब इस प्रापर्टी की असलियत सामने आई |
EOW के निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता की स्टेनो रेखा नायर की अनुपातहीन संपत्ति की जांच जोर-शोर से की जा रही है। रेखा नायर की छत्तीसगढ़ में रायपुर , दुर्ग और भिलाई में करोड़ों की प्रापर्टी उजागर हुई है। उसका रायपुर के मारुति सॉलिटेयर में आलिशान बंगला , सड्ढू इलाके में डुप्लेक्स और आरंग में फार्म हाऊस मिला है। उसके बैंक खातों में करोडो रूपये डिपॉजिट-ट्रांसफर हुए | लेकिन इस आरोपी ने EOW को अभी तक यह नहीं बताया कि इतनी भारी भरकम रकम उसके खातों में किसके जरिये आती थी |

EOW की अब तक की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि पुलिस की नौकरी में आने से पहले तक रेखा नायर और उसका परिवार भिलाई में एक छोटे से मकान में रहता था। उस मकान को उन्होंने एक लाख में बेचा और उसके बाद वहीं करीब में EWS के तहत बने दो छोटे छोटे मकानों को 50-50 हजार में खरीदा था । उसका पूरा परिवार इन्ही रियायती दरों के मकानों में अपना जीवन यापन करता था | लेकिन कुख्यात आईपीएस मुकेश गुप्ता के गिरोह में शामिल होने के बाद चंद वर्षों में रेखा नायर का पूरा खानदान करोडो का मालिक बन गया | उसके परिवार के कई सदस्यों के नाम पर छत्तीसगढ़ के अलावा देश के कई राज्यों में करोड़ों की प्रापर्टी हो गई।
EOW में पदस्थापना के दौरान रेखा नायर पर ना तो मामलों के छानबीन और उनकी जांच की जिम्मेदारी थी , और ना ही उसका वेतन और भत्ता इतना अधिक था कि वो देश प्रदेश में करोड़ों की संपत्ति खरीद सके | बताया जाता है कि आरोपी मुकेश गुप्ता ने पहले उसके पति को उससे अलग किया फिर उसे अपने चंगुल में फंसा लिया | इसके बाद उसने अवैधानिक तरीके से कमाई गई रकम को रेखा नायर और उसके खानदान के नाम पर निवेश कर दिया |
छत्तीसगढ़ में अरबों के नान घोटाले की जांच के दौरान अवैध फोन टैपिंग में फंसे निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता और पुलिस मुख्यालय में अटैच एसपी रजनेश सिंह से जल्द ही एक बार फिर EOW पूछताछ करेगी | EOW को कई ऐसे सबूत मिले है , जिससे पता पड़ता है कि आरोपी मुकेश गुप्ता और उसके गिरोह ने पहले तो घोटाले के सबूत रफा-दफा किये फिर अदालत को गुमराह करने में अपने पद और अधिकारों का जमकर दुरूपयोग किया | EOW ने दूसरी बार दोनों ही आरोपियों से पूछताछ के लिए सवालों की फेहरिस्त तैयार की है | यह भी तथ्य सामने आया है कि नान घोटाले की ब्लैकमनी का एक बड़ा हिस्सा सस्पेंड डीजी मुकेश गुप्ता ने अपनी जेब में डाला था | इसी रकम से उसने रेखा नायर और उसके खानदान के नाम पर बेनामी संपत्ति खरीदी थी |
