भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री की कुर्सी से उतारने का मास्टर प्लान तैयार | लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की तैयारी जोरो पर |

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 शशिकांत साहू

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पटखनी देने के लिए पूर्वबर्ती बीजेपी सरकार के विवादस्पद नौकरशाहों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है | ये नौकरशाह अपने अधीनस्थ रहे IAS और IPS अफसरों को पिछले पंद्रह सालो का एहसान जता कर  अपना उल्लू सीधा करने में जुटे है | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के  रुख को भांपते हुए इन अफसरों ने कांग्रेस सरकार के अरमानो पर पानी फेरने का वो प्लान तैयार किया है , जिसके तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आमजनता के बीच झठे साबित हो | इसके चलते कांग्रेसी नेताओ से लेकर अदालत तक का दरवाजा खटखटाने की योजना पर अमल शुरू कर दिया गया है | इस पूरी मुहीम को विवादस्पद पुलिस अधिकारी और कई गंभीर मामलों का आरोपी मुकेश गुप्ता अंजाम तक पंहुचा रहा है | इस कड़ी में महिला पुलिसकर्मी और फोन टेपिंग मामले में संदेहस्पद रेखा नायर  ने EOW के एडीजी एस.आर. पी कल्लूरी  पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर जांच के महत्वपूर्ण पहलुओं से बचने का प्रयास किया है | जबकि बांकि मामलों में पुलिस के कई निचले स्तर के अफसर पूरी तरह से सक्रिय  हो गए है | वही दूसरी ओर समस्त मामलों की SIT  जाँच  को रोकने के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओ के एक धड़े को मैदान में उतारा गया है | ये कार्यकर्ता अदालती दाँवपेंचो के सहारे SIT जाँच को रफा-दफा करने में जुटे है | विवादस्पद और आरोपी अफसरों की दलील है कि वो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस तरह से घेरेंगे कि वो अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ जाएंगे | 

           बताया जा रहा है कि रंजीत पिल्ले नामक एक पुलिसकर्मी कई मीडिया कर्मियों और पुलिस अफसरों व कांग्रेसी नेताओ की ऑडियो, वीडियो  क्लिप उन लोगो को सुना और दिखा रहा है, जो भूपेश बघेल को अपनी आंखो की किरकिरी  मानते है | इस ऑडियो , विडिओ क्लिप को विवादित IPS अधिकारी मुकेश गुप्ता के कार्यकाल में रिकॉर्ड किया गया था , वो भी गैरकानूनी ढंग से | यह भी बताया जा रहा है कि रंजीत पिल्ले नामक पुलिसकर्मी ने ना तो पुलिस ट्रेनिंग की और ना ही वो पुलिस आरक्षक के लिए तय शाररिक मापदंड को पूरा करता है | बावजूद इसके मुकेश गुप्ता के कार्यकाल में उसे आरक्षक के पद पर तैनाती दी गई थी | पुलिस ट्रेनिंग न करने के बावजूद उसे लगातार पदोन्नति देकर पुरुष्कृत किया गया था | दरअसल फोन टेपिंग की ड्यूटी बखूबी निभाने और कई गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त रहकर अपने आकाओ को खुश करने के चलते उसे लगातार पदोन्नति देकर प्रोत्साहित किया गया | एक जानकारी के मुताबिक रंजीत पिल्ले को मुकेश गुप्ता की विश्वांसपात्र रेखा नायर का करीबी रिश्तेदार भी बताया जा रहा है | पुलिस मुख्यालय और मैदानी इलाको में तैनात पुलिस अफसरों को ताकीद किया गया है कि वो किसी भी अफसर के आदेश को अमलीजामा पहनाने से पहले एक सस्पेंड डीजीपी के करीबियों से उस आदेश के पालन का निर्देश हासिल करें |  उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी कांग्रेस सरकार मुकेश गुप्ता का बाल  भी बांका नहीं बिगाड़ सकती | उन्हें साफ शब्दों में बताया गया है कि लोकसभा चुनाव के बाद भूपेश बघेल की रवानगी तय हो जाएगी  | लिहाजा   अपनी नई पोस्टिंग और कल्याण के लिए वो कतई मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की  हाँ में हाँ ना मिलाए |  


सभी बड़े फैसले मुख्यमंत्री नहीं बल्कि पूर्व मुख्य सचिव ले रहे है

            नान घोटाला , अंतागढ़ टेपिंग कांड , चिप्स घोटाला ,स्काई योजना घोटाला और तो और टेंडर घोटाले को लेकर पूर्वबर्ती बीजेपी सरकार के कई जाने – माने  अफसर एकजुट होकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की साख में बट्टा लगाने में जुट गए है | उनका मानना है कि तमाम मामलों की SIT  जाँच “ढांक के तीन पांत ” साबित होगी | ये अफसर भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री की कुर्सी से उतारने की जुगत में भिड़  गए है | उनका मानना है कि  लोकसभा चुनाव के बाद  भूपेश बघेल को खुद् ब  खुद कांग्रेस मुख्यमंत्री की कुर्सी से उतार देगी |  इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है | कई प्रशासनिक मामलों में ऐसे फैसले लिए जा रहे है , जिसके दूरगामी परिणाम नकारात्मक साबित होने वाले है | पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ को अब सुपर सीएम करार दिए जाने लगा है | बघेल के तमाम फैसलों पर उनकी सील मुहर का प्रचार कर लोगो के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश हो रही है कि सभी बड़े फैसले मुख्यमंत्री नहीं बल्कि पूर्व मुख्य सचिव ले रहे है | इसके चलते मुख्यमंत्री की छवि पर सीधा असर पड़ रहा है | 


भूपेश बघेल को घेरने की रणनीति तैयार

            कई प्रशासनिक अधिकारीयों के तबादले को लेकर लगे सवालिया निशानों पर भूपेश बघेल को घेरने की रणनीति तैयार की गई है | आमजनता के बीच उनकी छवि गैर -जिम्मेदार और नौसिखिया मुख्यमंत्री के रूप में पेश की जा रही है | जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का लंबा प्रशासनिक अनुभव है | उन्होंने सयुंक्त मध्यप्रदेश में  बतौर कैबिनेट मंत्री परिवहन विभाग की जवाबदारी संभाली और कामयाब भी रहे | छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में लंबा कार्यकाल उनके खाते में दर्ज है | यहां तक की उन्होंने कड़े संघर्ष के बाद प्रदेश में पहली बार ना केवल विपक्ष का सफाया किया बल्कि कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचा दिया | 


पूर्वबर्ती सरकार के विवादस्पद अफसरों को अपना भविष्य अब अंधकारमय नजर आ रहा है

            SIT जाँच से तिलमिलाए पूर्वबर्ती सरकार के विवादस्पद अफसरों को अपना भविष्य अब अंधकारमय नजर आ रहा है | यही नहीं भ्रष्टाचार से कमाए गए अरबो रुपए की वसूली की तलवार लटकते देख भूपेश बघेल को अस्थिर करने के लिए पूरा मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है | फ़िलहाल यह माना जा रहा है कि SIT जाँच के सभी पहलुओं को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गंभीरता से नहीं लिया और स्वयं इसकी मॉनिटरिंग नहीं की तो कई गंभीर अपराधों के आरोपी अफसर उन पर भारी पड़ेंगे |