ओडिशा के बारीपाड़ा में एंबुलेंस से सरकारी अस्पताल ले जाने के दौरान एक गर्भवती की मौत हो गई । महिला की मौत का कारण लचर प्रशासनिक व्यवस्था पर सोचने को मजबूर कर देगा, क्योंकि वह जिस एंबुलेंस में थी वो एंबुलेंस का तेल खत्म बीच रास्ते में ही हो गया, जिसके चलते महिला की मौत हो गई | इस घटना ने लचर प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है |
बताया जा रहा है कि देर रात हांडा गांव के चित्तरंजन मुंडा की पत्नी तुलसी मुंडा को प्रसव पीड़ा हुई थी | इसके बाद उनको बांगिरीपोशी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था | लेकिन महिला की हालत गंभीर होने के चलते डॉक्टरों ने उनको पंडित रघुनाथ मुर्मू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रेफर कर दिया | इसके बाद गर्भवती महिला को लेकर एंबुलेंस बारीपाड़ा स्थित पंडित रघुनाथ मुर्मू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के लिए रवाना हुई | जब एंबुलेंस महिला को लेकर पंडित रघुनाथ मुर्मू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल जा रही थी, तभी कथित तौर पर उसका ईंधन खत्म हो गया | बताया जा रहा है कि एंबुलेंस का ईंधन बारीपाड़ा कस्बे के बाहरी इलाके में खत्म हुआ | इसके चलते गर्भवती महिला को बीच रास्ते में 45 मिनट तक रोककर रखा गया | जानकारी के मुताबिक 45 मिनट के इंतजार के बाद एक और एंबुलेंस मौके पर पहुंची | लेकिन तब तक महिला की मौत हो गई |
मृतक महिला के पति चित्तरंजन मुंडा ने बताया कि एंबुलेंस का ईंधन रास्ते में खत्म हो गया था | इसके बाद आशा कार्यकर्ता ने दूसरी एंबुलेंस के लिए फोन किया. तब तक लगभग एक घंटा बीत चुका था | जब हम अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने मेरी पत्नी को मृत घोषित कर दिया | इस मामले में मयूरभंज के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी प्रदीप महापात्रा का कहना है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में मुझे आज पता चला है | एंबुलेंस के चालक के मुताबिक वाहन का तेल पाइप बीच में ही लीक हो गया था | हालांकि इस मामले की जांच की जाएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी |
