Saturday, October 5, 2024
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प्याज के छिलको की तरह निकल रही है , सस्पेंड डीजी मुकेश गुप्ता बेनामी संपत्तियां |



रायपुर एयरपोर्ट के सामने चार एकड़ का रकबा गीता नायर के नाम पर , एक और पूर्व प्रभावशील अफसर की आठ एकड़ जमीन भी उजागर |


न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ लगातार कुख्यात डीजी मुकेश गुप्ता की बेनामी सम्पतियों और गैर क़ानूनी कार्यों का खुलासा कर रहा है | इस कड़ी में कुख्यात आरोपी मुकेश गुप्ता का एक और माल उजागर हुआ है | यह अचल संपत्ति जैन मानस भवन के करीब चार एकड़ में फैली है , जो रायपुर स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के सामने मंदिर हसौद मार्ग पर स्थित है | यह संपत्ति आरोपी मुकेश गुप्ता की करीबी रेखा नायर की बहन गीता नायर के नाम पर खरीदी गई थी  | इस जमीन से सटे रकबे में सूअर पालन केंद्र संचालित हो रहा है | सूअर पालन केंद्र में कार्यरत कुछ कर्मियों ने इस बेनामी संपत्ति के असल मालिक और खसरा नंबर की पुष्टि करते हुए बताया कि यह चार एकड़ जमीन एक किसान से खरीदी गई है | रेखा नायर की बहन गीता नायर के नाम से खरीदी गई इस जमीन की रजिस्ट्री क्रेताओं ने गुपचुप रूप से कराई थी | उनके मुताबिक डेढ़ करोड़ रूपये एकड़ की दर से इस जमीन की खरीदी बिक्री नोटबंदी के दौरान हुई थी | लेकिन रजिस्ट्री दफ्तर में काफी कम कीमत में इसका लेनदेन दिखाया गया है | बताया जाता है कि नई राजधानी के इर्द-गिर्द बड़े पैमाने पर कीमती जमीने रेखा नायर और उसके परिजनों के नाम से खरीदी गई है |   इसके अलावा पुराना धमतरी रोड और दुर्ग जिले के पाटन में भी खेतिहर जमीनों की सुनियोजित खरीद फरोख्त हुई है | यह सभी खरीदी बिक्री ब्लैकमनी को खपाने के लिए की गई थी |   

 


गीता नायर की बेनामी संपत्ति के करीब एक और नौकरशाह की आठ एकड़ जमीन

रायपुर एयरपोर्ट के सामने मंदिर हसौद मार्ग पर आठ एकड़ खेतिहर जमीन का रकबा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी अफसर की बताई जा रही है | आईआरएस कैडर का यह अफसर सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे चूका है | राज्य सरकार ने इस अफसर के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति को लेकर SIT का भी गठन किया था | हालाकि क़ानूनी दांव -पेचों के चलते जांच मूर्तरूप नहीं ले पाई है | बताया जाता है कि यह जमीन भी नोटबंदी के दौरान खरीदी गई थी | ग्राम रणचंडी पटवारी हल्का में स्थित इस आठ एकड़ जमीन की खरीदी बिक्री भी लगभग डेढ़ करोड़ रूपये एकड़ की दर पर हुई |  इलाके के पटवारी ने इस बात की पुष्टि की है कि राजस्व रिकार्ड में यह जमीन बीजेपी सरकार के कार्यकाल वाले “सुपर सीएम” और प्रभावशाली अधिकारी के नाम पर दर्ज है | फ़िलहाल नामी-बेनामी संपत्ति के इन दोनों मामलों की ओर राज्य सरकार और EOW  को गौर फरमाना होगा |         

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