गेंदलाल शुक्ला
कोरबा । नगर निगम कोरबा में अनियमितताओं का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। वर्तमान में नगर पालिक निगम और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्याय बन चुके है। चाहे मामला कोरबा जोन में 49 लाख के फर्जी एस्टीमेट का हो या हाल ही में कोसाबाड़ी जोन के वार्ड 26 के पार्षद द्वारा बिना नाली निर्माण कराए 14 लाख का भुगतान करने की शिकायत का, कोरबा नगर निगम के हर जोन से अधिकरियों के काले कारनामों की नई कहानियां सामने आ रही है।
याद रहे कि कुछ माह पूर्व ही टी पी नगर जोन के वार्ड 02 के पार्षद विकास अग्रवाल ने भी 27 लाख के फ़र्ज़ी भुगतान का मामला उठाते हुए निगम अधिकारियों की शिकायत ई.ओ.डब्ल्यू . में करने की बात कही थी जो सोशल मीडिया में आग की तरह फैली थी। ताज़ा मामला निगम के दर्री जोन का है जहाँ नगर निगम कोरबा में पदस्थ एक वरीष्ठ अधिकारी के रिश्तेदार द्वारा प्रचलित दरों से बहुत कम दर पर 38 लाख का ठेका लिया गया है। उक्त ठेकेदार द्वारा अपने शपथ पत्र में अपने किसी भी रिश्तेदार का कोरबा निगम में कार्यरत नही होना बताया गया है। नियमानुसार झूठा शपथ पत्र देने के कारण उक्त ठेकेदार की निविदा अमान्य घोषित होनी चाहिए थी परंतु उच्च अधिकारी का रिश्तेदार होने के कारण एक ओर जहाँ ठेकेदार की निविदा मान्य की गई साथ ही साथ अन्य ठेकेदारों पर दबाव बनाकर , प्रतिस्पर्धा को समाप्त करते हुए मार्केट में प्रचलित दर से कम दर पर ठेका भी प्रदान किया गया जिससे निगम कोष को लाखो का नुकसान भी उठाना पड़ा। ठेकेदार द्वारा जमा किए दस्तावेजो में कुछ अन्य अनियमितताऐं भी थी परंतु उन्हें भी जान बूझकर नज़रअंदाज़ किया गया।
सूत्रों की माने तो निर्माण कार्य का एस्टीमेट भी ठेकेदार को लाभ पहुचाने की मंशा से तैयार किया गया था जो कि नगर निगम में ही चल रहे समतुल्य कार्यों के एस्टीमेट से बिल्कुल हटके है। रिश्तेदार अधिकारी निगम में ऊंचे पद पर पदस्थ होने के साथ साथ निगम की निविदा समिति का सदस्य भी है जो निगम को प्राप्त निविदाओं को स्वीकृति प्रदान करती है। ऐसे में उक्त अधिकारी द्वारा अपने पद व प्रभाव का दुरुपयोग किए जाने को नकारा नही जा सकता। ठेकेदार को उक्त निर्माण कार्य के प्रथम देयक का भुगतान भी निगम अधिकारियों द्वारा आनन फानन में तथा दबे पांव करने की बात सामने आई है। वर्तमान में इस मामले की शिकायत आयुक्त राहुल देव से कर संबंधित अधिकारी व ठेकेदार पर विधि अनुसार कठोर कार्यवाही की मांग की गई है।
