
गेंदलाल शुक्ला
कोरबा । जिला खनिज न्यास के माध्यम से पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य, षिक्षा, वृद्ध व निःशक्तजन कल्याण, महिला बाल विकास से जुड़े विकास कार्यों जैसे उच्च प्राथमिकता के कामों को ही स्वीकृत किया जायेगा । इसके साथ ही जिले में प्रत्यक्ष खनन प्रभावित लोगों का सर्वे भी होगा और उनकी सूची बनेगी । अब नये कार्य स्वीकृत कार्यों की जानकारी राज्य स्तर पर संबंधित विभाग के पास भी रखी जायेगी । मुख्य सचिव सुनील कुजूर की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद कलेक्टर किरण कौशल ने जिला खनिज न्यास संस्थान के अधिकारियों को इस बारे में जरूरी निर्देश दिये हैं। मुख्य सचिव सुनील कुजूर ने प्रदेष के विभिन्न जिलों के खनिज न्यास संस्थानों के कार्यों की समीक्षा बुधवार को नवारायपुर मंत्रालय में की थी और सफल क्रियान्वयन के लिये जरूरी निर्देश दिये थे ।
मुख्य सचिव ने खदान प्रभावित ग्रामों को प्रभावित क्षेत्र घोषित करने के लिए सभी जिलों के प्रत्यक्ष प्रभावित व्यक्तियों का सर्वेक्षण करने कहा है । उन्होंने कहा है कि जिला खनिज न्यास की राशि से बहुत अधिक आवश्यक होने पर ही भवनों का निर्माण जैसे सिविल कार्य आदि स्वीकृत किये जाये । मुख्य सचिव ने बैठक में जिला खनिज संस्थान न्यास के अनुसार प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र, प्रत्यक्ष प्रभावित व्यक्तियों का चिन्हांकन, प्राथमिकता के कार्यों की स्वीकृति, नवीन संशोधन के अनुरूप की गई कार्यवाही और संपादित कार्यों के सोशल ऑडिट के संबंध में चर्चा की ।
उन्होंने कहा कि जिन जिलों में खनन का कार्य नहीं किया जा रहा है, उन जिलों में भी उच्च प्राथमिकता के कार्यों के लिए खनन समृद्ध जिलों के खनिज निधि की सहायता ली जाये। मुख्य सचिव ने जिला खनिज न्यास के माध्यमसे स्वीकृत किये जा सकने वाले कार्यों के विषय में स्पष्ट दिषा-निर्देश सभी कलेक्टरों को जारी करने के निर्देश दिये हैं। मुख्य सचिव ने डीएमएफ
मद से अब तक निर्मित किये गये स्थायी परिसम्पत्तियों और उनकी उपयोगिता के विषय में जानकारी संकलित करने के भी निर्देश दिये हैं ।