Saturday, October 5, 2024
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डाक्टर पुनीत गुप्ता की गिरफ्तारी और डी.के.एस. घोटाले में आया नया मोड़ | दिल्ली में पीएनबी के डी.जी.एम. सुनील अग्रवाल पुलिस गिरफ्त में |


ब्यरो डेस्क रिपोर्ट \  छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री  ” डाक्टर रमन सिंह ”  के  ” डाक्टर  दामाद  पुनीत गुप्ता ”  के कारनामे उन्हें जेल के सीखचों के करीब ले जा रहे है | रायपुर के गोलबाजार थाने में डाक्टर पुनीत गुप्ता गुरुवार को जब दूसरी बार अपना बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे | ठीक उसी समय दिल्ली में ” छत्तीसगढ़ पुलिस ”  की एक टीम ने इस घोटाले के एक महत्वपूर्ण सूत्रधार और पी.एन.बी. मुख्य ब्रांच रायपुर के तत्कालीन  ऐ.जी.एम. सुनील अग्रवाल को अपनी गिरफ्त में ले रही थी | छत्तीसगढ़ पुलिस ने उन्हें अपने  कब्जे में लेने के बाद उनके प्राथमिक बयान भी दर्ज किये है | सुनील अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर डॉ पुनीत गुप्ता को डी.के.एस. अस्पताल के लिए 65 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत करने की बैंकिंग प्रक्रिया पूरी कराई थी | सुनील अग्रवाल की अनुशंसा के उपरान्त ही पीएनबी ने लोन की रकम स्वीकृत की थी | गौरतलब है कि इस 65 करोड़ की लोन की रकम के एवज में यह सरकारी अस्पताल इन दिनों पीएनबी की बंधक प्रॉपर्टी है | 


                 इधर रायपुर के गोलबाजार थाने में ” दामाद बाबू ”  अपना बयान दर्ज कराने के दौरान उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्क्युलर रद्द करने की मांग कर रहे थे | वही दिल्ली में पीएनबी के वर्तमान डीजीएम सुनील अग्रवाल भी प्राथमिक पूछतांछ के दौरान पुलिस के कई सवालों को टाल रहे थे | हालांकि पुलिस ने इस मामले को लेकर उनके प्राथमिक बयान दर्ज  किये है | बताया जा रहा है कि सुनील अग्रवाल से विस्तृत पूछतांछ के लिए उन्हें रायपुर लाया जा रहा है | इस मामले में फर्जी दस्तावेजों और लोन स्वीकृत करने की प्रक्रिया को लेकर जप्त सभी दस्तावेजी प्रमाणों की तस्दीक सुनील अग्रवाल से कराई जायेगी | यह भी बताया जाता है कि बीजेपी शासनकाल में केंद्र सरकार के कई मंत्रियों और अधिकारियों के संपर्क में रहने के चलते बैंकिंग सेक्टर में सुनील अग्रवाल का काम हाथो हाथ हो जाता था | इसलिए डाक्टर पुनीत गुप्ता ने उनका इस्तेमाल बतौर  हथियार के रूप में किया था | दिल्ली में सुनील अग्रवाल को जैसे ही छत्तीसगढ़ पुलिस ने कब्जे में लिया , वैसे ही उसे छुड़ाने के लिए कई प्रभावशील अफसरों ने पुलिस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया | हालांकि पुलिस कर्मी किसी के दबाव में नहीं और और उन्होंने सुनील अग्रवाल को अपने कब्जे में लेकर रायपुर की राह पकड़ ली |  


                  यह भी तथ्य प्रकाश में आया है कि डॉ पुनीत गुप्ता की सहायता के लिए सुनील अग्रवाल ने भी कई सरकारी नियम प्रक्रियाओं की अनदेखी की थी | उसका बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है | डॉ पुनीत गुप्ता की गिरफ्तारी होगी  या फिर उन्हें  ” जेल अथवा बेल” का सामना करना पड़ेगा, यह सब कुछ सुनील अग्रवाल के बयान पर निर्भर होगा | वो छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में सामने आये है | फिलहाल पुलिस के आला अफसरों के अलावा जांच अधिकारियों को उनका बेसब्री से इंतजार है | पुलिस सूत्रों ने न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ को बताया कि सुनील अग्रवाल के बयान दर्ज होने के उपरान्त फैसला लिया जाएगा कि उन्हें गिरफ्तार करे या फिर मुख्य गवाह के रूप में प्रस्तुत करे | 

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