छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में हुनरमंद गांव | बेरोजगारी के खिलाफ ग्रामीणों की खुली जंग | हर हाथ को काम मिलने से घरो में लौटी खुशहाली |

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छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में अडानी प्रोजेक्ट लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है | इस इलाके में चल रहे  कौशल विकास केंद्र ने कई बेरोजगारों की जिंदगी बदल दी है | रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में यह कौशल विकास केंद्र मील का पत्थर साबित हुआ है | कैसे ग्रामीण आर्थिक और सामाजिक रूप से संपन्न बन रहे है | ये है लालकेश्वर सिंह  | 28 वर्षीय  लालकेश्वर सिंह परसा गांव के रहने वाले है | खासबात यह है कि उच्च शिक्षा प्राप्त कर इंजिनियर बनने वाले वो अपने गांव के पहले शक्श है |  लालकेश्वर सिंह ने सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.ई. सिविल की डिग्री हासिल कर परसा गांव का नाम रोशन किया है | इस वक्त  लालकेश्वर सिंह अडानी प्रोजेक्ट में बतौर इंजिनियर पदस्थ है |  लालकेश्वर सिंह ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें अपने ही गांव में नौकरी मिल जाएगी | इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद  उन्हें रोजगार की चिंता सता रही थी | रोजगार की तलाश में वो अपना घरबार छोड़ने को भी तैयार थे | छत्तीसगढ़ के अलावा  प्रदेश के बाहर के कई प्रोजेक्ट में नौकरी के लिए उन्होंने आवेदन दे रखा था | लेकिन कही से भी कोई पॉजिटिव जवाब नहीं आया था | इस बीच  उस  दिन उनकी रोजगार की तलाश उस वक्त खत्म हो गयी जब अडानी प्रोजेक्ट के अधिकारियों  को उनके बारे में पता पड़ा | इन अधिकारियों ने उन्हें नौकरी के लिए  हाथो हाथऑफर लेटर सौप दिया |  लालकेश्वर सिंह को रोजगार के लिए कही  भटकना नहीं पड़ा | उन्हें अपने ही गांव में सम्मानजनक नौकरी मिल गयी | इस बात से धनेश्वर फुले नहीं समा रहे है | 

सिर्फ  लालकेश्वर सिंह ही नहीं आज अडानी प्रोजेक्ट में परसा समेत उसके आस पास के दर्जनों गांव के सैकड़ो लोगो को यहाँ रोजगार हासिल हुआ है |  मैन पावर की जरुरत इस प्रोजेट को थी और लोगो को अपने लिए बेहतर रोजगार की आवश्यकता | लिहाजा स्थानीय लोगो को रोजगार के नए अवसर मुहैया कराये गए  | अडानी प्रोजेक्ट में  ग्रामीणों को हाथो हाथ रोजगार  मिलने लगा है | ग्रामीणों के भीतर आत्म निर्भरता का जस्बा पैदा हुआ |  खासतौर पर माइन प्रभावित परिवारों को | उन्हें नौकरी मुहैया होने के साथ साथ स्वरोजगार का सुनहरा अवसर भी हाथ लगा है | अडानी कौशल विकास केंद्र में उन्हें इलेक्ट्रिशियन , फिटर , टर्नर , और टेक्नीशियन समेत कई तकनिकी प्रशिक्षण देकर  आत्म निर्भर बनाया जा रहा है |    

        कहा जाता है कि किसी क्षेत्र का पिछड़ापन उस क्षेत्र के लोगो के साथ अन्याय है | अडानी फाउंडेशन ने इन इलाको के लोगो की जरूरतों को जाना और उम्मीदों को परखा | इसके बाद उसे पूरा करने में जुट गया | इस इलाके में कौशल विकास केंद्र की आधारशिला रखी गयी | यहाँ कौशल विकास के कई डिवीजन स्थापित किये गए और स्थानीय बेरोजगारों को चिन्हित कर उनकी योग्यता अनुसार ट्रेनिंग दी जा रही है | इलाके की लड़कियों और महिलाओ के लिए सिलाई बुनाई केंद्र बनाया गया है | यह केंद्र उनके आर्थिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है | इलाके की महिलाये आत्म निर्भर बन रही है | सिलाई बुनाई का प्रशिक्षण लेकर कई महिलाये स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ी है | तो किसी को स्थानीय केंद्र से लेकर राज्य के बाहर भी  नौकरी का अवसर प्राप्त हुआ है | अपने इस हुनर से ये महिलाये ना केवल अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है बल्कि आर्थिक रूप से अपने पैरो पर खड़ी हो रही है | 

   कौशल विकास केंद्र में होटल मैनेजमेंट और हॉस्पिटलिटी का कोर्स भी संचालित किया जा रहा है | इस प्रशिक्षण में भी यहाँ की लड़कियां काफी दिलचस्पी ले रही है | इस प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद उन्हें भी रोजगार के लिए कही भटकना नहीं पड़ता | प्रशिक्षण पूरा होते ही रोजगार के लिए हाथो हाथ ऑफर लेटर मिल जाते है |    

https://www.youtube.com/watch?v=gMy7eY5hxTU&feature=youtu.be