रायपुर | आरोपी का नाम – मुकेश गुप्ता उर्फ़ ” टकला ” उम्र 56 वर्ष वल्द / पिता का नाम जयदेव गुप्ता निवासी सिविल लाइन सीएम बंगले के पास रायपुर | व्यवसाय – सरकारी नौकरी, आईपीएस 1988 बैच | मोबाईल नंबर – 919179003177 | धारा 409,420 ,467 ,468 ,471 ,201 एवं 421 | अपराध क्रमांक 605/2019 ,थाना – सुपेला भिलाई जिला दुर्ग | यह पहचान है , छत्तीसगढ़ के जालसाज और चार्ल्स शोभराज के नाम से जाने पहचाने जाने वाले कुख्यात आरोपी मुकेश गुप्ता की | जरा गौर से देखिए इसकी तस्वीरों को | वर्दीधारी इस शख्स की अब वर्दी उतर चुकी है , क्योंकि इसके गंभीर अपराधों को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने उसे निलंबित कर दिया है | निलंबन अवधि में इसे वर्दी पहनने का अधिकार नहीं है और ना ही पहले की तरह उसे सरकारी सुविधाए मुहैया हो रही है | आपको बता दें कि 1988 बैच के इस आईपीएस अधिकारी ने छत्तीसगढ़ में वर्दी की आढ़ में ऐसी लूट -पाट मचाई की देश के कई राज्यों में उसने करोडो की जमीन जायदाद और चल -अचल संपत्ति खरीद डाली | भारतीय पुलिस सेवा के इतिहास में यह गौरतलब है कि उसके किसी अफसर ने उद्द्योगपतियों और व्यवसायियों के अलावा पीड़ितों से उगाही और रिश्वत स्वीकार करने के लिए किसी “ट्रस्ट” का गठन और संचालन किया हो | आमतौर पर भारत सरकार का कार्मिक मंत्रालय किसी आईपीएस अधिकारी को ऐसे “ट्रस्ट ” के संचालन की अनुमति नहीं देता | लेकिन राजनैतिक संरक्षण के चलते इस कुख्यात आरोपी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर और बिलासपुर में “एमजीएम ट्रस्ट ” का संचालन कर अरबो की संपत्ति अर्जित की | एक अनुमान के मुताबिक छत्तीसगढ़ के निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता ने अपने पद और प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए “येन-केन प्रकारेण” दो हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बनाई | इस कुख्यात आरोपी ने चूना लगाने के लिए देश की सरकार को भी नहीं छोड़ा , जिसने उसे नौकरी दी और जीवन यापन के लिए दूसरी सुख सुविधाए | दुर्ग जिले के पुलिस अधिक्षक रहते इस वर्दीधारी डकैत ने भिलाई में बगैर रकम चुकाए अपने नाम से 2928 वर्ग फुट के आबंटित भूखण्ड के स्थान पर, उससे लगभग दोगुने भूखण्ड (5810.40 वर्ग फुट) की रजिस्ट्री चैक देकर दिनांक 11 जून 1998 को करवा ली थी, जबकि उक्त चैक की राशि 13 जून 1998 को जमा हुई थी, यानी कि बिना पैसे पाए ही विघटित हो चुकी साडा से मुकेश गुप्ता के अपने नाम उक्त जमीन करवा ली थी | इस अपराध के खुलासे के बाद उसके खिलाफ धोखाधड़ी और सरकारी दस्तावेजों की कूटरचना करने के तहत आपरधिक प्रकरण दर्ज किया गया है | यह उसके खिलाफ तीसरी FIR है |
आप यह जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि इस कुख्यात आरोपी ने महिलाओ का शोषण कई तरीको से किया है | ताज़ा मामला EOW में पदस्थ हवलदार रेखा नायर का है | इस महिला के नाम से आरोपी मुकेश गुप्ता ने छत्तीसगढ़ और केरल के अलावा कई राज्यों में करोडो की संपत्ति खरीदी है | आम जनता से लूटी गई रकम को खपाने के लिए आरोपी मुकेश गुप्ता ने हवलदार रेखा नायर के पुरे खानदान का भी इस्तेमाल किया | उसके पिता और भाई बहनो के नाम से भी आरोपी मुकेश गुप्ता ने करोडो की रकम निवेश की | छत्तीसगढ़ के EOW के मुख्यायलय में इस कुख्यात आरोपी की नामी -बेनामी संपत्ति के दस्तावेजों से अलमारी भरी हुई है | रायपुर और बिलासपुर में ” एमजीएम ट्रस्ट ” का गठन कर उसके द्वारा अस्पताल का संचालन कर इस शख्स ने लोगो से करोडो रुपए दान करवाए | इस ट्रस्ट में रकम देने वाले दानदाता कोई ऐसे वैसे नहीं बल्कि वो लोग है जो शराब के कारोबार ,कबाड़ी , कोयला माफिया ,बारूद ,अमोनियम नाइट्रेड की सप्लाई ,भू-माफिया और दूसरे अवैधानिक धंधो से जुड़े हुए है | एक जानकारी के मुताबिक उन व्यापारियों और उद्द्योगपतियों से मुकेश गुप्ता ने लाखो और करोडो रुपए की रकम ” एमजीएम ट्रस्ट ” में दान करवाई जिनके खिलाफ प्रदेश के किसी ना किसी थानों में अवैधानिक गतिविधियों के क्रियान्वयन की शिकायते थी | आरोपी मुकेश गुप्ता और उसके गिरोह की सरपरस्ती में ” एमजीएम ट्रस्ट ” आज सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा मनीलॉन्ड्रिंग सेंटर के रूप में कुख्यात है | इस ट्रस्ट ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में 97 खाते खोले थे | ताकि उगाही की रकम अलग -अलग खातों में जमा हो सके | रायपुर जिला प्रशासन एवं ईडी इस ट्रस्ट की आर्थिक गतिविधियों की जांच में जुटा है |
नान घोटाले और अवैध फोन टेपिंग कर भी कमाए अरबो रुपए

छत्तीसगढ़ के EOW में एडीजी के पद पर रहते हुए आरोपी मुकेश गुप्ता ने अवैध रकम कमाने के लिए दिन रात एक किया हुआ था | इस कुख्यात आरोपी ने नागिरक आपूर्ति निगम में हुए करोडो के गोलमाल को रफा दफा करने के लिए जमकर उगाही की | यहाँ तक की कई भ्रष्ट अफसरों के यहाँ छापामार कार्रवाई के बाद वैधानिक कार्रवाई ना करते हुए मामले को रफा दफा कर दिया गया | कई मामलों में दर्ज FIR को ही फाड़ दिया गया | कई मामलों में आरोपियों से रकम मिल जाने के बाद अदालत में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में खात्मा रिपोर्ट पेश कर दी गई थी | बड़े पैमाने पर धांधली बरते जाने के चलते आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ राज्य सरकार ने दो अलग -अलग मामलों में FIR दर्ज कर उसे निलंबित कर दिया है | ये दोनों ही मामले अवैध फोन टेपिंग और नान घोटाले से जुड़े है | दोनों ही मामलो में आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ धारा 166 ए ( बी ), 167, 193, 194, 196, 201, 218, 466, 467, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है |
डॉ मिक्की मेहता हत्याकांड में भी दर्ज होगी FIR
छत्तीसगढ़ के कुख्यात डकैत डीजी मुकेश गुप्ता ने पहली पत्नी होते हुए भी डॉ मिक्की मेहता से दूसरी शादी कर ली थी | इस शख्स पर आरोप है कि उसने अपनी दूसरी पत्नी डॉ मिक्की मेहता की हत्या कर दी थी | संदेहस्पद परिस्थितियों में 7 सितंबर 2001 को डॉ मिक्की मेहता की लाश आरोपी मुकेश गुप्ता के सरकारी बंगले में पाई गई थी | राजनैतिक संरक्षण के चलते ” मेहता परिवार ” को न्याय नहीं मिल पाया था | लेकिन राज्य से बीजेपी सरकार की रवानगी और कांग्रेस सरकार के सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुकेश गुप्ता को ना केवल निलंबित किया बल्कि डॉ मिक्की मेहता हत्याकांड के जांच के निर्देश भी दिए थे | इस मामले की जाँच डीजी जेल गिरधारी नायक ने की और उन्होंने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौप दी है | बताया जाता है कि डीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ आठ आरोप इस जांच में सिद्ध पाए गए है | जाहिर है ,देर से ही सही आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ एक और FIR जल्द ही दर्ज होगी |
आमतौर पर चंबल की घाटी डकैतो की शरणस्थली के रुप में जानी पहचानी जाती है | जबकि बस्तर की घाटी नक्सलियों के लिए प्रसिद्ध है | कुछ इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का सिविल लाइन इलाका मुकेश गुप्ता नामक शहरी डकैत का ऐशगाह है | यहाँ स्थित एक सरकारी बंगले से यह शख्स लूटपाट ,उगाही और जालसाजी का गोरखधंधा चलाता है | राज्य की जनता को छत्तीसगढ़ सरकार से उम्मीद है कि वो इस ” वर्दीधारी क्रिमिनल ” को उसके असली ठिकाने ,” जेल की सैर ” कराएगी |



