पुरानी कहावत है ” जाको राखे साइंया ,मार सके ना कोए ” हरियाणा के झज्जर में एक सूखे नाले में किसी “कलयुगी मां” ने अपनी “नवजात बेटी” मरने के लिए फेंक दिया था | इस लड़की के मुँह में कपडा बाँध दिया गया था | ताकि उसकी आवाज भी किसी को ना सुनाई दे | लेकिन पुल के ऊपर से गुजर रहे राहगीरों को इस लड़की की “किलकारी” सुनाई दी | उन्होंने फ़ौरन सक्रियता दिखाई और “काल के गाल” में समां रही इस “बिटिया’ को अपने कब्जे में ले लिया | बताया जाता है कि यह नवजात लड़की अब डॉक्टरों के देखरेख में है |
