
गुजरात | आपने शराबी और और अखंड शराबी तो जरूर देखे होंगे ,सरकार शराब छुड़वाने के लिए इतना एड देते है ,लोगो को जागरूक करते है इसके बावजूद शराब नहीं छोड़ते | लेकिन एक गांव ऐसा है जहा शराबियो की खैर नहीं होती,अगर कोई शराब पीकर आता ही तो ग्रामीण उसे करता है जेल की सैर | गुजरात में शराब को लेकर कड़े नियम हैं ,लेकिन स्थानीय लोग शराबियों से निपटने के लिए अजीब तरह के उपाय कर रहे हैं | सानंद के मोतीपुरा गांव में जेल की तरह एक पिंजरा बनाया है जहां नशे में धुत्त लोगों को रखा जाता है | इस पिंजरे को मोतीपुरा जेल कहा जाता है | शराबी को जेल में तब तक रखा जाता है जब तक वह 1200 रुपये का जुर्माना नहीं देता | इस पैसे का इस्तेमाल गांव के सामाजिक और धार्मिक आयोजन में किया जाता है |
गांववालों ने जेल में पहिये भी लगाए हैं ताकि उदंड कैदी से आसानी से निपटा जा सके | जेलनुमा पिंजरे को रात के समय गांव के बाहरी इलाके में रख दिया जाता है ताकि स्थानीय लोगों को रात की नींद में कोई दिक्कत न हो | ग्रामीणों का कहना है कि सख्त कदम उठाने पड़ते हैं. करीब 3500 की आबादी वाला यह गांव शराब की लत का शिकार हो गया था | करीब 150 महिलाएं विधवा हो गईं थीं | इसके बाद 2016 में बुजुर्गों ने बैठक की और समस्या का समाधान खोजा | इसी बैठक से जेल का आईडिया मिला था | इसके बाद नतीजे अच्छे रहे हैं | अब मोतीपुरा जेल में बहुत कम लोग आते हैं लेकिन पहले ऐसा नहीं था | कई लोगों ने पब्लिक शेमिंग के डर से शराब पीना छोड़ दिया | गांव के 80 फीसद पुरुष शराब पीने लगे थे लेकिन जेल बनाने के बाद हालात बेहतर हुए हैं |
इसके पीछे महिलाओं और युवाओं का बहुत बड़ा रोल है | 40 युवा लड़कों की एक टीम बनाई गई है | ये लोग रात 9 बजे करीब हर घर जाकर पता करते हैं कि किसी ने शराब पी है या नहीं | अगर किसी पुरुष ने शराब पी रखी है तो महिलाएं इस टीम के किसी भी मेंबर को बताती हैं और उसके बाद उस आदमी को जेल भेज दिया जाता है |