Zika virus in Pune: महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस के 5 नए केस मिलने से हड़कंप मच गया है। पीएमसी ने शनिवार को तीन गर्भवती महिलाओं सहित शहर के पांच और लोगों में जीका संक्रमण की पुष्टि की है। इसी के साथ ही 20 जून से अब तक कुल 11 मामले सामने आ चुके हैं।
इधर नए मामले सामने आने के बाद महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। संक्रमित सभी मरीजों के स्वास्थ्य पर डॉक्टर नजर रखे हुए हैं। मरीजों में शरीर पर लाल चिकत्ते, बुखार और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण देखे गए हैं। इनका इलाज किया जा रहा है। जीका वायरस से संक्रमित सभी 11 मरीजों के स्वास्थ्य पर डॉक्टर नजर रखे हुए हैं।
पीएमसी के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश दिघे ने कहा कि एनआईवी ने शुक्रवार देर रात तीन नए मामलों की पुष्टि की। डॉ. वर्षाली माली ने कहा कि जीका वायरस से सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिला को रहता है। इस वायरस के होने से समय से पहले जन्म और गर्भपात सहित अन्य जोखिम बढ़ जाते हैं।
क्या है लक्षण और बचाव?
डॉक्टरों के मुताबिक, जीका वायरस से संक्रमित मरीजों को बुखार आता रहता है। मरीज सिरदर्द और जोड़ों में दर्द की शिकायत कर सकते हैं। आंखें लाल हो जाती हैं. शरीर पर लाल चकत्ते भी निकल जाते हैं. चूंकि, यह संक्रमण मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें। बचाव के लिए पूरी बाजू़ के कपड़े पहनें, जिन इलाकों में संक्रमित मरीज रह रहे हैं, वहां जाने से परहेज करें. साथ ही खाने का विशेष ध्यान रखें।
जीका वायरस कब आया?
1947 में इस वायरस का पहला केस सामने आया. युगांडा में बंदरों में इस वायरस का संक्रमण देखने को मिला था। हालांकि, इंसानों में जीका का पहला केस 1952 में सामने आया था। बीते कुछ सालों में अलग-अलग देशों में जीका के केस देखने को मिले हैं। अक्टूबर 2015 से जनवरी 2016 के बीच ब्राजिल में जीका के हजारों मामले सामने आए। इस देश में 4000 बच्चों में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी।