नई दिल्ली / भारत में ड्रग्स का जाल बुरी तरह से बिछ चूका है | कई तस्कर आम लोगों को इस कारोबार में जाने अनजाने धकेल रहे है | देश में प्रतिदिन होने वाली आत्महत्याओं में बेरोजगारी और कर्ज के बाद उन नशेड़ियों का नंबर है , जो ड्रग्स की लत की वजह से आत्महत्या करते हैं. अब एक ऐसे परिवार की दास्तान सामने आई है , जिसके किसी सदस्य को ड्रग्स की लत नहीं है | लेकिन ये परिवार ड्रग्स तस्करों के जाल में फंसकर अब पूरी तरह से जूझ रहा है | ये खबर उन लोगों को भी ध्यान से पढ़नी चाहिए जो सस्ते में या मुफ्त में विदेश यात्रा कराने वालों के लालच में आ जाते हैं | फ्री ऑफर के नाम पर ऐसे लोग ये नहीं समझ पाते कि इस मुफ्त विदेश यात्रा के झांसे में इनसे ड्रग्स की तस्करी भी कराई जा सकती है |
इस परिवार को किसी ट्रेवल एजेंसी ने ऑफर के नाम पर हनीमून ट्रिप स्पॉन्सर किया था | इस दंपत्ति ने ख़ुशी ख़ुशी उस ऑफर को स्वीकार कर लिया | फ़िलहाल सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में ये पति-पत्नी कतर देश की जेल में 10 साल की सजा भुगत रहे है | जेल में ही इस महिला ने एक बच्ची को भी जन्म दिया और अब इस बच्ची का भविष्य भी अंधकार में दिखाई दे रहा है |
जुलाई माह में मुंबई में रहने वाले मोहम्मद शरीक और उनकी पत्नी ओनिबा कौसर को उनके एक रिश्तेदार की परिचित टूर ट्रेवल्स कंपनी ने अपने खर्च पर हनीमून भेजा था | उस रिश्तेदार का नाम तबस्सुम कुरैशी बताया जाता है | तबस्सुम रिश्ते में मोहम्मद शरीक की बुआ हैं |
बताया जाता है कि फ्री ट्रिप के दौरान तबस्सुम ने इस पति पत्नी को कतर में भारतीय पान-गुटखे के शौक़ीन किसी शख्स को तंबाकू के कुछ पैकेट यह कहकर सौंप दिए कि इसे भी साथ ले जाए, इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं है | इस पति-पत्नी को ये बैग बेंगलुरु में दिया गया था और वहीं से इन दोनों ने कतर की राजधानी दोहा के लिए फ्लाइट पकड़ी थी | फ्री ऑफर के लालच में आकर मोहम्मद शरीक और ओनिबा इसके लिए तैयार हो गए | यात्रा के दौरान ओनिबा गर्भवती थीं | बेंगलुरु से ये दंपत्ति बगैर किसी परेशानी के विमान पर सवार हो गए | लेकिन 6 जुलाई को ये दोनों जैसे ही कतर के हमाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे तो इनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसके बारे में इन्होंने कभी सोचा भी नहीं था | बैग चेकिंग के दौरान इन दोनों को एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर लिया गया | कतर पुलिस के मुताबिक इस दंपत्ति से एयरपोर्ट पर जांच के दौरान इनके बैग से 4 किलोग्राम हशीश मिली जो एक प्रतिबंधित ड्रग्स है | उसके मुताबिक इन्हे गिरफ्तार कर सीधे जेल में डाल दिया गया | यही नहीं अब कतर की एक अदालत ने दोनों को 10 वर्ष की सजा सुना दी है | दोनों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है | बताया जाता है कि सजा के दौरान मार्च के महीने में ओनिबा ने एक बच्ची को जन्म दिया है | फ़िलहाल इस बच्ची की परवरिश जेल में ही हो रही है |
जब मोहम्मद शरीक के परिवार को पति-पत्नी की गिरफ्तारी का पता चला तो मोहम्मद के पिता कतर पहुंचे | उन्होंने अपने बेटे को बचाने के लिए एक वकील भी हायर किया | इस कानूनी लड़ाई में इस परिवार की सारी जमा-पूंजी खर्च हो गई | घटना के बाद ओनिबा के पिता ने इस मामले में भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी NCB से मदद मांगी | पीड़ित परिवार ने चिट्ठी लिखकर NCB को बताया कि कैसे उनके बच्चों को फंसाया गया है | NCB ने इस मामले की जांच की तो पता चला मोहम्मद शरीक की जिस बुआ ने उन्हें और उनकी पत्नी को हनीमून ट्रिप पर भेजा था वो एक ड्रग पैडलर थी | NCB के मुताबिक निज़ाम कारा नाम के एक व्यक्ति के साथ मिलकर वो मिडिल ईस्ट कतर में भारत से ड्रग्स की सप्लाई किया करती थी |
बताया जाता है कि ड्रग्स तस्करी के लिए यह गिरोह विभिन्न फर्जी कंपनियों और ट्रेवल एजेंसी के जरिये लोगों को मुफ्त विदेश यात्रा का लालच देते है | वे अपने शिकार को किसी भी सामान भेजने की कहानी गढ़कर उस सामान में ड्रग्स छिपाकर भेजा करते है | फिलहाल एनसीबी कतर की सरकार के संपर्क में है | प्रधानमंत्री कार्यालय NCB के जरिये इस पति पत्नी को जेल से छुड़ाने की कोशिश में जुटा है | कुल मिलाकर फ्री में हनीमून यात्रा पर जाने का लालच, एक हंसते खेलते परिवार पर भारी पड़ गया और देखते ही देखते एक परिवार पूरी तरह से बिखर गया |