Cm Yogi bulldozer : मुलायम सिंह के गढ़ में योगी का बुलडोज़र ,मैनपुरी में सपा दफ्तर साफ , अखिलेश समेत कार्यकर्ताओं में खलबली

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मैनपुरी : मैनपुरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुलडोज़र सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के गढ़ में दाखिल हुआ है | यहाँ सपा के नगर कार्यालय पर प्रशासन ने इस बुलडोजर को चला कर निर्माण ध्वस्त कर दिया है | प्रशासन की कार्रवाई से सपा में खलबली मच गई है | कार्यकर्ताओं ने बुलडोज़र को रोकने की कोशिश की ,लेकिन प्रशासन की एक न चली | 

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव  के गढ़ के रूप में मैनपुरी की पहचान है | शहर के देवी रोड पर स्थिति सपा के नगर कार्यालय पर प्रशासन ने बुलडोजर चला कर योगी ने नेताओ को हैरत में डाल दिया है | बताया जाता है कि जिस जमीन पर सपा के ये दफ्तर बना हुआ था वो जिला पंचायत द्वारा नगर सपा कार्यालय को दी गई जमीन थी. समाजवादी पार्टी का ये नगर कार्यालय देवी रोड पर है | उसे साल 1994 में जिला पंचायत ने आवंटित किया था. इस जमीन के लिए 10 साल का पट्टा दिया गया था. इसके बाद सपा कार्यालय के लिए 90 साल का पट्टा किया गया था | लेकिन 9 सितंबर को जिला प्रशासन ने इस जमीन का खाली करने के लिए नोटिस दिया था. इसमें लिखा था कि सपा नगर कार्यालय के लिए जिला पंचायत की दो कक्षों की जो जमीन आवंटित की गई थी उसे रद्द कर दिया गया है. नोटिस में दो दिन के भीतर इसे खाली करने के निर्देश दिए गए थे. 

इस बारे में न्यूज़ टुडे को जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ओपी सिंह ने बताया कि साल 1994 में इस जमीन का 10 साल के लिए पट्टा दिया गया था. फिर सपा कार्यालय के लिए 90 साल का पट्टा हुआ था, तब पार्टी का नया कार्यालय नहीं बना था. 9 सितंबर को शासन के निर्देश पर कार्यालय खाली करने का नोटिस दिया गया था. जिला प्रशासन ने नया सपा कार्यालय बन जाने के बाद जिला पंचायत की जमीन खाली कराई है. यहां जिला पंचायत अपना कॉम्प्लेक्स बनाएगी. फ़िलहाल इस बुलडोज़र कांड से अखिलेश यादव समेत तमाम सपा नेताओ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है | 

सपा कार्यकर्ताओं को नहीं मिली कोई राहत

नगर कार्यालय तोड़े जाने से सपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. वो इस मामले में सपा जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, लेकिन उनको कोई राहत नहीं मिली. कार्यकर्ताओं का कहना है कि ये कार्रवाई पूरी तरह से गलत और निराधार है. सपा के कार्यकर्ता आवंटन रद्द की प्रक्रिया के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंचे थे जहां पर उन्हें अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. आपको बता दें जिला पंचायत में 3 लाख का मलबा हटाने का हुआ था. इस टेंडर के तहत 7 दिन के अंदर मलबा हटाया जाएगा. इस बेशकीमती जमीन पर जिला पंचायत अपनी कॉम्प्लेक्स बनाएगा.