नई दिल्ली:- असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पिछले दिनों उत्तराखंड की एक चुनावी रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर एक विवादित टिप्पणी की जिसकी काफी आलोचना हुई. कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में मुख्यमंत्री सरमा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया.कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर लोकसभा सांसद गौरव गोगोई समेत पार्टी के कई नेताओं ने हिमंत बिस्व सरमा की इस आपत्तिजनक टिप्पणी को बचकाना और निंदनीय बता चुके हैं.इस बीच असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कई महिला सदस्य मंगलवार को मुख्यमंत्री सरमा के खिलाफ दिसपुर थाने में एक मामला दर्ज कराने पहुंची, लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ.
उधर तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सरमा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हुए उनके खिलाफ तेलंगाना के अलग-अलग पुलिस स्टेशन में कई आपराधिक मामले दर्ज कराने की बात कही है.राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हिमंत बिस्व सरमा शुरू से ही बहुत महत्वाकांक्षी रहे हैं और अपनी राजनीति को चमकाने के लिए समय-समय पर वे इस तरह के विवादित बयान देते रहे हैं.
गौरतलब है कि हिमंत बिस्व सरमा पारंपरिक तौर पर बीजेपी या आरएसएस के आदमी नहीं हैं. दो दशक से भी ज्यादा कांग्रेस में बिताने के बाद बीजेपी में शामिल हुए हिमंत बिस्व सरमा अब खुद को बीजेपी का ज्यादा वफ़ादार और राष्ट्रवादी साबित करने में लगे है. लिहाजा गांधी परिवार पर निजी हमले या फिर ‘सांप्रदायिक बयानबाजी’ के पीछे उनकी आक्रामकता में यह स्पष्ट दिखता है कि वे खुद को बीजेपी में बतौर हिंदू नेता स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं.