Site icon News Today Chhattisgarh

नप गए नोएडा के SSP साहब , योगी सरकार ने किया सस्पेंड , अश्लील वीडियो के बाद विवादों में थे SSP वैभव कृष्ण 

वेब डेस्क / नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण पर योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है | उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है | एसएसपी वैभव कृष्ण कथित अश्लील वीडियो के बाद विवादों में आए थे | एसएसपी वैभव कृष्ण को एक अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था | वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने आईपीएस अफसर अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा और गणेश साहा पर ट्रान्सफर-पोस्टिंग का धंधा चलाने और षडयंत्र के तहत मॉर्फ्ड वीडियों बनाने के आरोप लगाए थे | 

दरअसल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण का एक महिला से चैट का वायरल वीडियो वायरल हुआ था। इसे गुजरात की फॉरेंसिक लैब भेजा गया था। फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में वह वीडियो और चैट सही पाए गए हैं, जिसे वैभव कृष्ण ने फर्जी बताया था। फॉरेंसिक जांच में सामने आया है कि वीडियो एडिटेड और मार्फ्ड नहीं था। वैभव ने वायरल वीडियो के संबंध में खुद एफआईआर कराई थी, मेरठ के एडीजी और आईजी को जांच सौंपी गई थी। जांच के दौरान आईजी ने फॉरेंसिक लैब को वीडियो भेजा था।वैभव ने पत्रकार वार्ता खुद बुलाकर दी थी जानकारी और पत्रकार वार्ता में शासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट को लीक कर दिया था। अधिकारी आचरण नियमावली के उल्लंघन किये जाने के कारण वैभव कृष्ण सस्पेंड हुए।  वैभव कृष्णा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं जिसे लखनऊ के एडीजी एसएन साबत को सौंपा गया है। उन्हें जल्द से जल्द रिपोर्ट देनी होगी।

यह पूरा प्रकरण प्रकाश में आने के बाद डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और गोपनीय पत्र को सार्वजनिक करने को पुलिस सेवा नियमावली का उल्लंघन करार दिया था। उन्होंने आईजी मेरठ के जरिए इस मामले में नोएडा के एसएसपी से 24 घंटे में स्पष्टीकरण भी मांगा था। कथित वीडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। साइबर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) की जिस रिपोर्ट को आधार बनाकर एसएसपी ने पांच आईपीएस अफसरों पर संगीन आरोप लगाए हैं, उसने आईपीएस लॉबी में हलचल पैदा कर दी है। मोबाइल फोन की जांच के आधार पर बनाई गई इस रिपोर्ट पर कार्रवाई की गई तो लखनऊ से लेकर नोएडा तक कई अधिकारियों के फंसने की आशंका है।  इस रिपोर्ट में न केवल चुनिंदा आईपीएस अफसरों के नाम शामिल हैं, बल्कि 9 हेड कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक के नाम शामिल हैं। 

Exit mobile version