
दिल्ली। राजधानी दिल्ली में यमुना नदी ने खतरे के निशान को पार कर 205.63 मीटर तक जलस्तर बढ़ा दिया है। यह दो साल में पहली बार है जब यमुना नदी ने 205.33 मीटर के खतरे के स्तर को पार किया है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, नदी का जलस्तर जल्द ही 206 मीटर से ऊपर जाने की संभावना है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर तैयारियों और सुरक्षा उपायों का जायजा लिया। सरकार ने चेतावनी दी है कि यदि जलस्तर 206 मीटर से ऊपर बढ़ता है, तो निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा।
जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है। 12 घंटे में 1,00,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, और अधिकतम स्तर लगभग 1,79,000 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया, जो इस मौसम का अब तक का सबसे अधिक पानी है।
सरकार ने सुरक्षा के लिए 34 नावें तैयार की हैं और लाउडस्पीकर के माध्यम से निवासियों को रात 2 बजे से सुबह 4 बजे तक रिलोकेशन के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी। यमुना के पास रहने वाले लोग हर साल इस स्थिति के लिए सतर्क रहते हैं।
जुलाई 2023 का रिकॉर्ड
पिछले साल जुलाई 2023 में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था। उस समय 23,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया था। शहर के आईटीओ, सिविल लाइंस और मयूर विहार जैसे बड़े हिस्से जलमग्न हो गए थे। जल शोधन संयंत्रों को बंद करना पड़ा, जिससे दिल्ली में पानी की कमी भी महसूस हुई।
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 63 सालों में यमुना 53 बार चेतावनी स्तर को पार कर चुकी है और 14 बार जलस्तर 206 मीटर से ऊपर पहुंचा है।