Shardiya Navratri 2022: आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा,नवरात्रि का दूसरा दिन,ऐसे विधि – मंत्र से करें पूजा

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दिल्ली : शारदीय नवरात्रि का आज दूसरा दिन है | नवरात्रि के इन पावन दिनों में माता रानी के भक्त उनके नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं। जिसमें से पहले दिन दुर्गा मां के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। इस दिन लोग व्रत रख अपने घरों में कलश स्थापना करते हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप को पूजा की जाती हैं। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की कृपा पाने के लिए भक्त कई जतन करते हैं, व्रत रख मन्नत मांगते हैं। माँ को भोग चढ़ाते हैं। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी संसार में ऊर्जा का प्रवाह करती हैं। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से मनुष्य को आंतरिक शांति प्राप्त होती है। ऐसे में आइए जानते हैं देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, कथा, मंत्र आदि के बारे में…  

शारदीय नवरात्रि द्वितीया तिथि नवरात्रि के दूसरे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है। द्वितीया तिथि की शुरुआत 27 सितंबर को 03:09 AM से ही रही है, जो कि अगले दिन 28 सितंबर को  02:28 AM तक है।शास्त्रों में मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान और तप की देवी माना जाता है। कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां ब्रह्माचारिणी की पूजा करते हैं, उन्हें धैर्य के साथ और ज्ञान की प्राप्ति होती है। ब्रह्म का मतलब तपस्या होता है, तो वहीं चारिणी का मतलब आचरण करने वाली। इस तरह ब्रह्माचारिणी का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली। मां ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में मंत्र जपने की माला और बाएं में कमंडल है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त पर उठकर स्नान कर लें। पूजा के लिए सबसे पहले आसन बिछाएं इसके बाद आसन पर बैठकर मां की पूजा करें। माता को फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाएं। ब्रह्मचारिणी मां को भोगस्वरूप पंचामृत चढ़ाएं। इसके साथ ही मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही माता को पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें। इसके उपरांत देवी ब्रह्मचारिणी मां के मंत्रों का जाप करें और फिर मां की आरती कर प्रसाद वितरित करें।