आज गुरुवार है, आज के दिन सुबह जल्दी स्नान करके साफ – सुथरे कपड़े पहनें। हो सके तो पीले ही वस्त्र पहनें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें। अब भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी जी की तस्वीर को स्थापित करें। दूध, दही, घी, शहद और चीनी से पंचामृत बना लें।
तस्वीर स्थापना के बाद दोनों को गंगाजल से अभिषेक कराएं। भगवान विष्णु को पंचामृत स्नान कराएं. अब विष्णु जी को ओम भगवते वासुदेवाय नमः: मंत्र का जाप करते हुए अक्षत्, चंदन, रोली, धूप, दीप, गंध, पीले फूल, केला और पीली मिठाई अर्पित करें. चने की दाल और गुड़ का भोग लगाएं. साथ में तुलसी पत्र भी चढ़ाएं. माता लक्ष्मी को भी पुष्प, अक्षत्, धूप, दीप, फल, सुपारी आदि अर्पित करें. फिर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. अंत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
पूजा के समय आप ओम बृं बृहस्पतये नम: मंत्र का जाप कर सकते हैं. इसके बाद केले के पौधे की पूजा करें और उसके पास घी का दीपक जलाएं. अब गाय को केला और चारा खिलाएं. पूजा समापन के बाद प्रसाद लोगों में वितरित कर दें. ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे और आप पर माता लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहेगी. लक्ष्मी जी की पूजा में इस बात का ध्यान रखें कि उनको तुलसी का पत्ता न अर्पित करें।