अगले साल से अब फोन पर बात करने के लिए आपको ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है | वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल दिसंबर के अंत या जनवरी से अपने टैरिफ की कीमत में 15-20 फीसदी तक इजाफा करने जा रही हैं | ये कंपनियां अभी नुकसान में चल रही हैं और इसी के चलते टैरिफ में बढ़ोतरी पर विचार किया जा रहा है | वहीं ये दोनों कंपनियां रिलायंस जियो को देखते हुए अपने टैरिफ की कीमतों में बढ़ोतरी करेंगी | टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि घाटे की वजह से वे ऐसा करने के लिए मजबूर हैं |गौरतलब है कि एजीआर की वजह से इस वित्त वर्ष में ज्यादातर टेलीकॉम कंपनियों को भारी घाटा हुआ है |
ऐसा अनुमान लगाया गया है कि एजीआर और अन्य वजहों से होने वाले भारी घाटे से निपटने के लिए कंपनियों को टैरिफ में 25 फीसदी तक की भारी बढ़ोतरी करनी होगी, लेकिन एक बार में यह बढ़त करना संभव नहीं है इसलिए कंपनियां दो या तीन बार में ऐसा करने का फैसला कर सकती हैं | तीनों प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने इसके पहले दिसंबर 2019 में टेलीकॉम टैरिफ बढ़ाया था | साल 2016 में रिलायंस जियो के इस बाजार में उतरने के बाद जबरदस्त प्राइस वार शुरू हुआ था, जिसके बाद 2019 में पहली बार कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाये थे |
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सितंबर 2020 तक के आंकड़ों के मुताबिक प्रति ग्राहक सबसे ज्यादा कमाई भारती एयरटेल ने किया है | भारती एयरटेल का प्रति ग्राहक औसत रेवेन्यू 162 रुपये है, जबकि रिलायंस जियो का 145 रुपये और वीआई यानी वोडाफोन आइडिया का सिर्फ 119 रुपये. सरकार द्वारा वसूले जाने वाले एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू की वजह से भारत की टेलीकॉम कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है | वोडाफोन आइडिया को पिछले साल की दूसरी तिमाही में भारतीय कॉरपोरेट इतिहास का सबसे ज्यादा 50,921 करोड़ रुपये का बड़ा घाटा हुआ था | हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए मोहलत दी है | कोर्ट ने कंपनियों को एजीआर बकाया चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया है | इस निर्णय से वोडाफोन आइडिया और एयरटेल को खासा राहत मिली है | दूरसंचार कंपनियों को बकाया चुकाने के लिए यह समय कुछ शर्तों के साथ दिया गया है |