बिहार। बिहार के विधानसभा में एक बड़े ही अचरज डालने वाला मुद्दा उठाया गया। मामला शेखपुरा ज़िले का सिविल सर्जन नियुक्ती का है। जहां बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक मृत डॉक्टर को शेखपुरा ज़िले का सिविल सर्जन नियुक्त कर दिया। मामले को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। आरजेडी के ललित यादव ने शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए कहा कि इससे सरकार अकर्मण्यता का पता चलता है।
बिहार स्वास्थ्य सेवा से जारी अधिसूचना में जिन 9 डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति में एक डॉक्टर रामनारायण राम भी हैं, जिनकी नियुक्ति शेखपुरा के सिविल सर्जन के रूप में हुई है। विभाग ने 8 मार्च को अधिसूचना जारी की है, जबकि डॉक्टर रामनारायण राम की मृत्यु फरवरी में हो चुकी है।
विपक्ष ने इस अधिसूचना को जारी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा का कहना है कि इस घटना से साफ पता चलता है कि सरकार कितनी गंभीरता से चल रही है।