Saturday, September 21, 2024
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प्रवासी मजदूरों के लौटने से छत्तीसगढ़ , उड़ीसा , मध्यप्रदेश , झारखंड और बिहार में आपराधिक वारदाते बढ़ने के आसार , बिहार पुलिस के ADG का दावा – प्रवासियों के लौटने से बढ़ेंगे अपराध, मामले ने लिया राजनैतिक रंग लेकिन क्राइम कंट्रोल मास्टर कह रहे है ये कड़वा सच

रायपुर /पटना /भोपाल /रांची – प्रवासी मजदूरों ने राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है | उनके आगमन से जहां कोरोना के संक्रमण में तेजी आई है | वहीँ क्राइम कंट्रोल मास्टरों ने अंदेशा जाहिर किया है कि जल्द ही प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया तो अपराधों में भी बढ़ोत्तरी होगी | उनके मुताबिक कई प्रवासी मजदूरों का आपराधिक रिकार्ड है | इनमे से कई ऎसे मजदूर है जिन्होंने अपराध की दुनिया छोड़कर बाहरी प्रदेशों में अपना रोजगार शुरू कर दिया था | एकाएक उनकी आजीविका ठप पड़ गई है | यदि ऐसे मजदूरों को आजीविका का साधन नहीं मुहैया कराया गया तो वे एक बार फिर अपराध की दुनिया में अपना कदम रख सकते है |

क्राइम मास्टर के मुताबिक छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश , झारखंड और बिहार के खनिज उत्पादक इलाकों में बड़ी तादाद में ऐसे प्रवासी मजदुर थे जो बेहिचक आपराधिक वारदातों को अंजाम देते थे | कई ऐसे मजदूर अब अपने गृह नगरों का रुख कर चुके है | जाहिर है वे गिरोह भी बना सकते है | यही नहीं ऐसे मजदूरों ने कई इलाकों में अपनी जड़े भी जमाई है , लिहाजा वे बेरोजगार हुए मजदूरों को अपने यहां बुलाकर आपराधिक गतिविधियों की नींव भी रख सकते है | क्राइम के जानकार बताते है कि प्रत्येक इलाके की पुलिस को प्रवासी मजदूरों का पूरा ब्यौरा रखना होगा | उनके कामकाज पर भी नजर रखनी होगी |  

उधर बिहार पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार ने प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस कप्तान को खत लिखा है | इस पत्र में उन्होंने आशंका जताई है कि प्रवासी मजदूरों के वापस आने से बिहार में अपराध बढ़ सकते हैं | एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार ने अपने खत में यह भी कहा कि बिहार लौटने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों को जरूरी नहीं है कि रोजगार मिले | लिहाजा वो अपने परिवार का भरण-पोषण करने के उद्देश्य से अनैतिक और गैरकानूनी काम कर सकते हैं | ऐसा होने से प्रदेश में अपराध में बढ़ सकते हैं | 

एडीजी अमित कुमार ने सभी जिला के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने से ऐसे कोई हालात पैदा न हों, इसके लिए कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए | वही दूसरी ओर उनके इस पत्र के सार्वजिनक होने के बाद राजनैतिक बवाल मच गया है | आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसी मुद्दे को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की | उन्होंने एडीजी के इस पत्र को हथियार बनाकर  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है | इस दौरान राजनैतिक गहमा-गहमी दिखाते हुए तेजस्वी यादव ने उस चिट्ठी को भी फाड़ डाला, जो एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार ने प्रवासी मजदूरों को लेकर लिखी थी | 

उधर मामले के राजनैतिक तूल पकड़ने के बाद इस विवाद को खत्म करने के लिए एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार ने इस पत्र को 4 जून को वापस ले लिए जाने का संदेशा भेजा है | उन्होंने कहा है कि यह पूरा मामला प्रशासनिक और जनता को अपराध से बचाने के लिए फ़ोर्स को सचेत करने का था | दरअसल कई महानगरों में लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों का कामकाज खत्म हो गया है | वो अपने घरों के लिए पलायन कर रहे हैं | बिहार में काफी संख्या में पलायन कर मजदूरों की वापसी हुई है | दिल्ली, मुंबई समेत अन्य शहरों से काफी संख्या में ऐसे प्रवासी मजदूर भी बिहार पहुंच रहे हैं जिनका उन महानगरों में आपराधिक रिकार्ड भी था | 

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