दुनिया में जो तनाव-संघर्ष चल रहा है, उसने ही बड़ी तबाही लाई है. गाजा पूरी तरह तबाह हो गया है. रूस-यूक्रेन को भी युद्ध से हुए नुकसान से उबरने में कई दशक लग सकते हैं. जरा सोचिए कि ऐसे में तीसरा विश्वयुद्ध हुआ और परमाणु हथियारों का उपयोग हुआ तो उससे ऐसे परिवर्तन आएंगे, जिनकी कल्पना करना ही खौफनाक है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने दावा किया है कि तीसरा विश्व युद्ध हम सभी के शरीरों में बड़े बदलाव ला सकती है, जो कि सर्वाइवल के लिए जरूरी होंगे.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टिम कूलसन ने कहा है कि हो सकता है कि थर्ड वर्ल्ड वॉर के बाद इंसान बुलेटप्रूफ त्वचा, जन्मजात निंजा कौशल और यहां तक कि पंखों के साथ मार्वल शैली के सुपरहीरो में बदल जाए. प्रोफेसर टिम रॉयल सोसाइटी से सम्मानित एक प्रतिष्ठित प्राणी विज्ञानी और जीवविज्ञानी हैं. उनका मानना है कि एक परमाणु युद्ध कई ऐसे परिवर्तन ला सकता है जो मनुष्य की पहचान को बदल दे.
परमाणु युद्ध के बाद, प्राकृतिक चयन आनुवंशिक बदलावों को बढ़ावा दे सकता है. ताकि मानवता को जीवित रहने में मदद मिल सके, उनका सुझाव है. इससे ‘सुपरह्यूमन’ भी पैदा हो सकते हैं और कमजोर लोग भी. यानी कि वातावरण की कठिन चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत बन सकते हैं या खतरों से बचने के लिए सिकुड़कर उड़ने के लिए चमगादड़ की तरह के पंख भी उगा सकते हैं.
प्रोफेसर कूलसन ने अपनी नई पुस्तक ‘द यूनिवर्सल हिस्ट्री ऑफ अस: ए 13.8-बिलियन-ईयर टेल फ्रॉम द बिग बैंग टू यू’ में मानव रूप में होने वाले बदलावों के बारे में लिखा है. बतौर प्रोफेसर कूलसन मानव में होने वाले इन बदलावों को आकार लेने में लाखों साल लगेंगे लेकिन इनकी शुरुआत तृतीय विश्वयुद्ध के बाद से ही हो जाएगी. ये भी संभव है कि मानव सुपर ह्यूमन बनने की बजाय कमजोर बुद्धि वाला बन जाए.